Urgent mentioning rules : अब ऑरल मेंशनिंग नहीं CJI सूर्यकांत का बड़ा फैसला

By Sai Kiran | Updated: November 24, 2025 • 7:41 PM

Urgent mentioning rules : नवनियुक्त भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने आज स्पष्ट किया कि अब से अधिकांश मामलों में ‘ऑरल मेंशनिंग’ की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी अर्जेंट मामले की सुनवाई के लिए वकीलों को अनिवार्य रूप से लिखित मेंशनिंग स्लिप देनी होगी। रजिस्ट्री पहले स्लिप और अर्जेंसी की वजह की जांच करेगी और आवश्यकता होने पर ही मामले को सूचीबद्ध करेगी।

CJI सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस ए.एस. चंदुरकर की पीठ के (Urgent mentioning rules) सामने एक कैंटीन ढहाने से जुड़े मामले में वकील ने अर्जेंट मेंशनिंग की, जिस पर CJI ने कहा

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“अगर कोई अर्जेंट मामला है, तो स्लिप के साथ कारण लिखकर दीजिए। रजिस्ट्री उसे देखेगी और उचित लगे तभी मामला सूचीबद्ध किया जाएगा।”

जब वकील ने मामले की तात्कालिकता पर जोर दिया, तो CJI ने दो-टूक कहा:

“सिर्फ असाधारण परिस्थितियों—जैसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मौत की सजा या जीवन से जुड़ा सवाल—में ही हम सीधे मेंशनिंग सुनेंगे। बाकी मामलों में स्लिप दें, रजिस्ट्री निर्णय लेगी।”

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