World Bank ने India की FY2026 ग्रोथ 6.3% बताई
World Bank ने भारत की आर्थिक विकास दर यानी FY2026 Growth Rate को लेकर अपने पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। वर्ल्ड बैंक ने साफ किया है कि भारत की FY2026 में 6.3% की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में भारत की आर्थिक स्थिरता और सुधार की गति की भी सराहना की गई है।
विश्व बैंक का अनुमान क्यों महत्वपूर्ण है?
World Bank एक प्रमुख वैश्विक संस्था है जो विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं का आकलन करती है। इसका अनुमान सरकारों, निवेशकों और नीति निर्धारकों के लिए दिशा-निर्देशक होता है। FY2026 के लिए भारत की GDP Growth को लेकर इस स्थिर अनुमान से कई सकारात्मक संकेत मिलते हैं।
भारत की FY2026 Growth को लेकर क्या कहा गया?
वर्ल्ड बैंक की जून 2025 में जारी रिपोर्ट के अनुसार:
- भारत की GDP Growth Rate FY2026 में 6.3% रहने की संभावना
- FY2025 के लिए ग्रोथ अनुमान भी 6.6% के आसपास
- मध्यम अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था एशिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ती रहेगी
- मजबूत निजी खपत, निवेश में वृद्धि, और नीतिगत स्थिरता इस ग्रोथ के प्रमुख कारण
World Bank रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- Private Investment में तेज़ी जारी
- Government Capital Expenditure में निरंतर बढ़ोतरी
- Inflation नियंत्रण में रहने की उम्मीद
- Current Account Deficit में कमी
- Employment Rate में सुधार के संकेत
अन्य देशों के मुकाबले भारत की स्थिति
World Bank के अनुसार भारत:
- वैश्विक मंदी के बावजूद मजबूती से उभरने वाला देश
- चीन और अन्य एशियाई देशों से तेज़ ग्रोथ वाला
- FY2026 Growth के मामले में शीर्ष 3 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने World Bank के इस अनुमान को “भारत की आर्थिक नीतियों और बुनियादी ढांचे में सुधार” का परिणाम बताया है। साथ ही, घरेलू मांग और उद्योगों की मजबूती को इसके पीछे की प्रमुख वजह माना गया है।
निवेशकों और बाज़ार के लिए क्या मतलब है?
- Stock Market में स्थिरता और भरोसा
- Foreign Direct Investment (FDI) में संभावित वृद्धि
- पॉलिसी मेकर्स को संतुलित कदम उठाने में सहायता
- RBI को ब्याज दरों पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का मौका
विश्व बैंक द्वारा FY2026 के लिए India की Growth Rate 6.3% पर बरकरार रखना इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर और सुदृढ़ आधार पर आगे बढ़ रही है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच यह अनुमान भारत के लिए एक सकारात्मक संकेतक है।