बीमारी बनी बाधा, लेकिन नहीं रुकी शादी की रस्में
राजस्थान के राजगढ़ जिले में एक अनोखा विवाह देखने को मिला, जिसने सभी को भावुक कर दिया। दुल्हन की तबीयत बिगड़ने के बावजूद दूल्हे ने शादी की सभी रस्में निभाईं और समाज के लिए प्रेम, ज़िम्मेदारी और समर्पण की मिसाल पेश की।
शादी से एक दिन पहले बिगड़ी तबीयत
शादी से ठीक पहले दुल्हन की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों की सलाह पर उसे ICU में रखा गया, जिससे परिवार के लोग चिंतित हो गए।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में अस्पताल में हुई एक अनोखी शादी की तस्वीरें सिर्फ राजगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में सुर्खिया बटोर रही हैं। हर कोई सिर्फ दूल्हे की नहीं बल्कि अस्पताल प्रबंधन की की भी तारीफ कर रहा है।
दअरसल कुंभराज निवासी नंदनी का विवाह ब्यावरा शहर में निवास करने वाले आदित्य सिंह बेस के साथ लगभग एक माह पूर्व ही तय हुआ था, लेकिन शादी से कुछ दिन पहले दुल्हन बनने वाली नंदनी अचानक से बीमार पड़ गई और वह पांच दिन से ब्यावरा के निजी पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती थी। बीमार दुल्हन के लिए दूल्हा तय समय के अनुसार अस्पताल में ही बारात लेकर पहुंचा और पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ विवाह संपन्न किया।
दूल्हे के परिजनों के मुताबिक दुल्हन को अस्पताल के डॉक्टरों ने बेड रेस्ट की सलाह दी थी। उसकी यह हालत नहीं थी कि वह अस्पताल से कही और जाकर फेरे ले सके। ऐसे में दुल्हन और दूल्हे के परिजनों ने अस्पताल संचालक डॉक्टर जेके पंजाबी से इजाजत ली और अस्पताल को बारात के लिए सजाया गया। दूल्हा बुधवार की रात में अस्पताल में बैंड बाजे के साथ बारात लेकर पहुंचा, जहां हिंदू रीति रिवाज के साथ यह विवाह संपन्न कराया गया।
दूल्हे ने उठाया दुल्हन को गोद में, लिए सात फेरे
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ में हुए इस अनोखे विवाह की चर्चा सिर्फ राजगढ़ ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में हो रही है। अस्पताल संचालक के मुताबिक यह पहला मौका है, जब अस्पताल में इस तरह के कार्यक्रम की इजाजत मौके की नजाकत और दुल्हन की स्थिति को देखकर दी गई है, क्योंकि दुल्हन इस स्थिति में नहीं थी के वो अस्पताल से बाहर जाकर फेरे ले सके। इसलिए अस्पताल में ही मंडप बनाया गया और यह विवाह संपन्न हुआ।