Uttar Pradesh : डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्य करने वाला यूपी बना पहला राज्य

डिजिटल

अब डिजिटल तरीके से होगी बीमारियों पर निगरानी

1 मई से उत्तर प्रदेश सरकार यूनीफाइड डिजीज सर्विलान्स पोर्टल (यूडीएसपी) पर वैक्सीन प्रिवेन्टेबिल डिजीजेस (वीपीडी) का डिजिटल सर्विलान्स शुरू कर दिया है। यह पहल रीयल टाइम केस रिपोर्टिंग, सटीक और विश्वसनीय डेटा संग्रह को सक्षम करेगी जिससे रोगों/प्रकोपों का शीघ्र पता लगाया जा सके और त्वरित गति से प्रभावी रणनीतियां तैयार कर क्रियान्वयन किया जा सके।

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एक राज्य के स्वामित्व वाला डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म

वैक्सीन से रोके जा सकने वाली 6 बीमारियों- पोलियोमाइलाइटिस (एक्यूट प्लेसीड पैरालिसिस), खसरा, रूबेला, डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टिटनेस के लिए केस बेस्ड सर्विलान्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग नेटवर्क (एनपीएसएन) के सहयोग से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत चल रही है। अब पहली बार इस निगरानी को यूडीएसपी में इंटीग्रेट किया जाएगा जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के बाद विकसित एक राज्य के स्वामित्व वाला डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जिसका उद्देश्य राज्य के लिए एकीकृत निगरानी प्रणाली के रूप में कार्य करना है।

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बड़े पैमाने पर क्रियाशील है डिजिटल प्लेटफॉर्म

यूपी देश का पहला राज्य है जिसने ऐसा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है जिसे शुरू में मई 2023 में 12 अधिसूचित रोगों के लिए लॉन्च किया गया था और तब से यह बड़े पैमाने पर क्रियाशील है। लॉन्च के बारे में सीएमओ डॉ सुधाकर पाण्डेय ने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देशों के क्रम में हमारे यूनीफाइड डिजीज सर्विलान्स पोर्टल (यूडीएसपी) के माध्यम से टीकों से रोकी जा सके वाले रोगों की डिजिटल निगरानी (सर्विलान्स) से जिलों और राज्य के बीच तीव्र गति से संवाद संभव हो सकेगा जिससे इन रोगों की शीघ्र पहचान और पब्लिक हेल्थ रिस्पांस की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।

समय पर मिलेगा सटीक डेटा

इससे हमें समय पर सटीक डेटा मिलेगा जो हमारे टीकाकरण कार्यक्रमों की योजना और निगरानी की बेहतर योजना तैयार कर निगरानी की जा सकेगी। साथ ही टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त इस प्लेटफ़ॉर्म का एक प्रमुख लाभ यह है कि हमारे नागरिकों को अपनी लैब रिपोर्ट ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगी। ठीक वैसे ही जैसे उन्हें कोविड रिपोर्ट मिली थी। इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और स्टाफ की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।

टीकाकरण के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनके जैन ने कहा कि एनएचएम के शुरू होने के बाद टीकाकरण के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए। पिछले दो-तीन वर्षों में हमने डिप्थीरिया के मामलों में उम्र के हिसाब से बदलाव देखे हैं। बड़े बच्चों में इसके मामले ज़्यादा देखे जा रहे हैं। इसी कारण से हम इस वर्ष भी एक विशेष टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। यूडीएसपी पर वीपीडी निगरानी लाने से इन रोगों के बारे में हमारी समझ और बेहतर होगी और भविष्य की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी।

महत्वपूर्ण मील का पत्थर

इस बारे में विस्तार से बताते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ रविशंकर ने कहा कि इस साल 24 अप्रैल से शुरू हुए विश्व टीकाकरण सप्ताह के तहत हम पूरे प्रदेश में स्कूल-आधारित टीडी टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में कक्षा 5 और कक्षा 10 के छात्रों को उनके स्कूलों में मुफ़्त टीडी टीके लगाए जा रहे हैं। यूडीएसपी पर वीपीडी निगरानी का इंटीग्रेशन उत्तर प्रदेश के रोग का पता लगाने, रिस्पांस टाइम में सुधार करने और पूरे राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

विशेष अभियान

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अंशुमान तिवारी ने कहा कि हम विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान खसरा-रूबेला (एमआर) उन्मूलन के लिए एक विशेष अभियान भी चला रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. रमाकांत स्वर्णकांत ने कहा कि मई 2023 में यूडीएसपी लॉन्च किया गया था जिसमें 12 अधिसूचित बीमारियों की निगरानी के लिए अपना डिजिटल निगरानी प्लेटफार्म है।

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