लखनऊ : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि राष्ट्रहित (National interest) और जनहित में लिया गया निर्णय ही हमारी संस्कृति है । इसी कड़ी में अगर एक व्यक्ति निर्णय लेता है। उसका निर्णय व्यापक जनहित और राष्ट्रहित में है, तो उसका निर्णय संस्कृति है। इसी संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान है। संस्थान ने महज 19 वर्षों में 20 बेड से बढ़कर 1,375 बेड का विस्तार किया है।
298 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह के दौरान 298 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और व्यक्ति की गति काल की गति है। हमें काल की गति से दो कदम आगे चलने के लिए तैयार रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति, समाज या देश काल की गति को पहचान नहीं पाता है, वह काल की चपेट में स्वयं आ जाता है क्योंकि काल की गति तो वही है, जिसके बारे में डॉ. श्याम नारायण पांडेय ने कहा था कि ये महाकाल का आसन है, इस पर किसी का शासन नहीं होता है। यदि कोई यह मन में बैठा ले कि मैं समय की गति को अवरुद्ध कर दूंगा, तो यह उसकी गलतफहमी होगी।
यूपी ने कोरोना महामारी को मात देने का मॉडल प्रस्तुत किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोहिया संस्थान एक ऐसे स्थान पर स्थित है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश का मुहाना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश का हर पेशेंट सबसे पहले आरएमएल में आता है। इसके बाद केजीएमयू या एसजीपीजीआई की तरफ जाता है। उन्होंने कहा कि सबसे घनी आबादी पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल की है। ऐसे में यहां से लोग सबसे पहले आरएमएल की ओर अपना रूख करते हैं। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा में हुए सुधारों की दिशा में तीन प्रमुख संस्थानों का योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा है। इन संस्थानों ने सम और विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा के नए मानक स्थापित किए हैं।
यह सुधार खासतौर पर कोरोना महामारी के दौरान देखे गए, जब उत्तर प्रदेश को पहली बार ऐसी महामारी का सामना करना पड़ा। कोरोना के प्रारंभिक दिनों में उत्तर प्रदेश में कोविड की जांच की कोई सुविधा नहीं थी। जब पहला मरीज आगरा और नोएडा से आया, तो उनके सैंपल दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स और सफदरजंग में भेजे गए थे। धीरे-धीरे प्रदेश में जांच की सुविधाएं विकसित की गईं और टेस्टिंग प्रक्रिया में सुधार हुआ।
क्या आरएमएल हॉस्पिटल में इलाज फ्री है?
जी हाँ, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital, Delhi) में अधिकतर चिकित्सा सेवाएँ निःशुल्क (Free) प्रदान की जाती हैं, खासकर ओपीडी (OPD), इमरजेंसी, सामान्य वार्ड और जाँच सेवाएं।
हालाँकि, कुछ विशेष जांच, निजी वार्ड या विशिष्ट सेवाओं पर थोड़ा शुल्क लिया जा सकता है।
राम मनोहर लोहिया में एमबीबीएस की फीस कितनी है?
आप डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ (Dr. RML Institute of Medical Sciences) की बात कर रहे हैं, तो यहाँ एमबीबीएस (MBBS) कोर्स की फीस लगभग:
- पहले वर्ष: ₹50,000 – ₹1,00,000 (लगभग)
- पूरे कोर्स की अनुमानित फीस: ₹2.5 लाख – ₹5 लाख (सरकारी कोटा के तहत)
राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल कहाँ स्थित है?
भारत में दो प्रमुख “राम मनोहर लोहिया” अस्पताल हैं:
- 1. डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली:
➤ स्थान: बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली - 2. डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ:
स्थान: वीआईपी रोड, गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
यह भी पढ़ें :