UP: सपा नेता ने लगाया आरोप, रामभद्राचार्य ने किया पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अपमान

By Ajay Kumar Shukla | Updated: September 14, 2025 • 2:27 PM

लखनऊ: जगदगुरू रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) के मेरठ में दिए गए बयान पर बवाल हो गया है। उनके पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान कहने पर विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन (Dr. ST Hasan) ने इस बयान ऐतराज जताते हुए कहा कि यह पश्चिमी यूपी के मुसलमानों का अपमान है। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन कि यहां हिंदू-मुस्लिम भाईचारा कायम है और ऐसे बयान सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं।

आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान कह दिया

आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य द्वारा मेरठ में एक कथा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान कहने पर विवाद गहरा गया है। सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे न सिर्फ मुसलमानों बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अपमान बताया । हसन ने कहा कि यहां हिंदू और मुसलमान भाईचारे के साथ रहते हैं, ऐसे बयान सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले हैं।

एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं हिंदू और मुसलमान

उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। यहां सभी धर्मों के लोग मिलकर रहते हैं। किसी को कुछ भी बोलने के समय समाज के बारे में उसके असर पर भी सोचना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी क्षेत्र में मुसलमान रहते हैं तो क्या वह मिनी पाकिस्तान हो जाता है? उन्होंने कहा कि यह सोचना बेहद गलत और अपमानजनक है

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हिंदू हैं तो फिर खतरा कहां : सपा नेता

सपा नेता ने रामभद्राचार्य पर निशाना साधते हुए कहा जब देश की सरकार, पुलिस, सेना और तमाम ताकतवर संस्थान हिंदुओं के हाथ में हैं, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हिंदू हैं तो फिर खतरा कहां से है? हसन के मुताबिक, मुसलमान कभी नहीं कहता कि वह खतरे में है क्योंकि उसका विश्वास अल्लाह पर है। पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि ऐसे लोग धर्म का नाम लेकर अपनी दुकान चलाते हैं और किसी खास राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तान की सच्चाई सब जानते हैं, लेकिन पश्चिमी यूपी के सभी मुसलमानों को आतंकवादी मानना गलत है।

जगदगुरु रामभद्राचार्य कहाँ रहते हैं?

रामभद्राचार्य जी का मुख्य निवास स्थान चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में है, जहाँ वे तुलसी पीठ के अधिष्ठाता (पीठाधीश्वर) हैं। वे यहीं से धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों का संचालन करते हैं।

रामभद्राचार्य जी कितने पढ़े-लिखे हैं?

वे जन्म से नेत्रहीन हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शास्त्रों का गहरा अध्ययन किया है। उन्होंने बिना ब्रेल या किसी उपकरण के 22 भाषाएँ सीखीं, जिनमें संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू, तमिल आदि शामिल हैं। वे एक विद्वान, लेखक और कवि हैं – उन्होंने अब तक 100+ ग्रंथ लिखे हैं, जिनमें रामकाव्य, श्लोक, भाष्य और टीकाएं शामिल हैं। उन्होंने गीता, रामचरितमानस, वेदों और उपनिषदों पर भी टीकाएं लिखी हैं।

जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी कौन हैं?

जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी एक प्रख्यात हिंदू संत, संस्कृत विद्वान, महाकवि, कथाकार और धार्मिक गुरु हैं। वे तुलसी पीठाधीश्वर हैं, जो चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में स्थित एक धार्मिक व सांस्कृतिक संस्था है।

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