UP: डबल इंजन सरकार का साथ, असलम की सफलता ने चूम लिया ‘आकाश’

By Ajay Kumar Shukla | Updated: August 18, 2025 • 5:56 PM

बाराबंकी : डबल इंजन सरकार (Double Engine) की योजनाओं का साथ और उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग का मार्गदर्शन मिला तो बाराबंकी के असलम (Aslam) ने ‘आकाश’ छू लिया। असलम ने 2014 में केले के व्यापार का आगाज किया, लेकिन निराशा हाथ लगी, वही असलम मत्स्य पालन क्षेत्र में 2018 में बाराबंकी में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं।

शुरू में मत्स्य पालन में भी नहीं मिला लाभ, लेकिन नहीं मानी हार

बाराबंकी के ही ग्राम गंगवारा, विकास खंड देवा के मत्स्य पालक मो. आसिफ सिद्दीकी के फार्म को देखने का अवसर मिला। मो. आसिफ से जानकारी लेने के बाद असलम खान ने शुरू में 27000 स्क्वायर फिट में 3 तालाब बनाकर पंगेशियस मछली का पालन प्रारम्भ किया। शुरू में अच्छा मत्स्य बीज नहीं मिलने और जानकारी के अभाव में हानि उठानी पड़ी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। फिर से उन्होंने इन्हीं तीन तालाबों में 35 हजार पंगेशियस फिंगरलिंग का संचय किया तथा छह माह में लगभग 700 ग्राम की 21 टन मछली का उत्पादन किया। इससे उन्हें 8,40,000 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ। इससे उत्साहित होकर 2018 में फिर एक एकड़ में एक और तालाब बनाया। उसमें पंगेशियस के साथ-साथ भारतीय मेजर कार्प मछली का भी संचय किया

24 तालाब और दो नर्सरी बनाकर मत्स्य पालन कर रहे असलम

वर्तमान में 08 एकड़ भूमि में 24 तालाब एवं 02 नर्सरी बनाकर मत्स्य पालन का कार्य वृहद रूप से कर रहे हैं। वर्तमान वर्ष में असलम ने 3 लाख पंगेशियस मत्स्य बीज संचित किया था। इससे लगभग 2.20 लाख मत्स्य बीज के सापेक्ष कुल 162 टन मछली की बिक्री की जा चुकी है। अभी उनके फार्म में औसत 400-500 ग्राम की लगभग 40 हजार मछली उपलब्ध है। इसकी बिक्री भी दिसंबर से प्रारंभ होगी। असलम ने जनवरी 2019 से एबीस मत्स्य पूरक आहार की डीलरशिप ली। अब बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, अयोध्या, बहराइच तथा गोण्डा के लगभग 350 किसानों को मत्स्य पूरक आहार की आपूर्ति भी कर रहे हैं।

हर गांव-हर वर्ग तक सरकारी योजनाओं की पहुंच

निदेशक, मत्स्य विभाग एनएस रहमानी ने बताया कि मत्स्य पालन कर युवाओं व महिलाओं ने सफलता की नई कहानी लिखी है, जो केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता और जमीनी स्तर पर सफलता को दर्शाती है। प्रदेश सरकार के नेतृत्व में समाज के सभी वर्ग तक केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। मत्स्य पालन जैसी विभिन्न योजनाओं से जुड़कर भी लोग आत्मनिर्भर और प्रदेश के आर्थिक विकास में सहभागी बन सकते हैं।

मत्स्य पालन क्या है?

(Fish Farming / Pisciculture) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मछलियों को नियंत्रित वातावरण में पालकर उनका उत्पादन किया जाता है। इसमें प्राकृतिक या कृत्रिम जलाशयों, तालाबों, टैंकों या अन्य जल स्रोतों में मछलियों का पालन-पोषण, देखभाल और प्रजनन किया जाता है।
इसका उद्देश्य खाद्य उत्पादन, व्यापार, पोषण और आर्थिक लाभ प्राप्त करना होता है।

मत्स्य पालन रोग क्या है?

वे बीमारियाँ होती हैं जो मछलियों को प्रभावित करती हैं और उनकी वृद्धि, स्वास्थ्य या जीवन को नुकसान पहुँचाती हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद (फंगल), परजीवी या पर्यावरणीय कारणों से हो सकते हैं।

मत्स्य पालन का क्या महत्व है?

मत्स्य पालन का सामाजिक, आर्थिक और पोषण के दृष्टिकोण से बहुत महत्व है।

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