लखनऊ। श्रावण मास के दौरान उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में संचालित हो रही कांवड़ यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक (High-level meeting) की अध्यक्षता की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यह पवित्र यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण, सुरक्षित और श्रद्धामय वातावरण में सम्पन्न हो, इसके लिए शासन-प्रशासन पूरी सजगता, संवेदनशीलता और सक्रियता से कार्य करे।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, चिकित्सा, पेयजल, भोजनालय, विश्रामालय और शौचालयों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। महिला श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उन्होंने विशेष निर्देश दिए कि महिला कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम हों तथा महिला पुलिस बल की प्रभावी तैनाती की जाए।
ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के माध्यम से 24×7 निगरानी की जाए। उन्होंने खुफिया तंत्र को पूरी सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार की घुसपैठ या अराजकता की कोशिश को समय रहते रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांवड़ यात्रा में विघ्न डालने वालों से सख्ती से निपटा जाए और उनके खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि यात्रा मार्गों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जरूरी सूचनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए और शिव भजनों का प्रसारण सुनिश्चित हो, जिससे श्रद्धालु भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से जुड़ाव महसूस करें।
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा : योगी
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु प्रमुख अवसरों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराने की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रमुख स्थलों पर चिकित्सा शिविर, प्राथमिक उपचार केंद्र और एम्बुलेंस सेवाएं पूरी तरह सक्रिय रहें, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तत्काल निपटा जा सके। खाद्य पदार्थों की शुद्धता को लेकर मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया कि वे खानपान सामग्री की गुणवत्ता और शुद्धता की नियमित जांच सुनिश्चित करें।

कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धा, मर्यादा और अनुशासन का पालन करें : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धा, मर्यादा और अनुशासन का पालन करें। उन्होंने कहा कि सभी शिवभक्त पवित्र नदियों से जल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें और इस दौरान प्रशासन से पूर्ण सहयोग बनाए रखें। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सेवा, सुविधा और सुरक्षा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
कांवड़ यात्रा क्यों की जाती है
कांवड़ यात्रा भगवान शिव को समर्पित एक धार्मिक यात्रा है। इसमें भक्त गंगा नदी से पवित्र जल (गंगाजल) भरकर उसे अपने कंधों पर लटकती हुई कांवड़ में लेकर अपने क्षेत्र के शिव मंदिर में चढ़ाते हैं, विशेष रूप से श्रावण मास (जुलाई–अगस्त) में।
2025 में कांवड़ यात्रा कब से शुरू होगी?
2025 में कांवड़ यात्रा की शुरुआत 9 जुलाई 2025 (बुधवार) से होगी, क्योंकि उसी दिन श्रावण मास का पहला दिन (श्रवण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा) पड़ता है। यात्रा लगभग 2 सप्ताह चलती है और श्रावण पूर्णिमा (24 जुलाई 2025) तक चलने की संभावना है।
पहले कांवड़ कौन लाया था
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान परशुराम को पहला कांवड़िया माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने सबसे पहले गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित किया था। इसी परंपरा को बाद में उनके भक्तों ने अपनाया और यह एक वार्षिक धार्मिक यात्रा का रूप ले चुकी है।
कांवड़ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
“कांवड़” एक विशेष प्रकार की लकड़ी की झोली होती है, जिसमें दोनों सिरों पर जल से भरे बर्तन (कलश या कांसे के लोटे) लटकाए जाते हैं। यह भक्त अपने कंधों पर रखकर चलते हैं।
इसका प्रतीकात्मक अर्थ है:
- आस्था और समर्पण का भार अपने कंधों पर लेना।
- जीवन में संतुलन बनाए रखना (जैसे कांवड़ संतुलन में चलती है)।
- विनम्रता और सेवा भाव से भगवान तक पहुंचना।
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