अमेरिका की मध्यस्थता: हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को लेकर अमेरिका ने गंभीर चिंता जताई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस मामले में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
अमेरिका की पहल: तनाव कम करने का प्रयास
व्हाइट हाउस ने बयान दिया कि राष्ट्रपति बाइडेन चाहते हैं कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच यह तनाव जल्द से जल्द समाप्त हो। कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के नेताओं के साथ निरंतर संपर्क में है और मध्यस्थता का प्रयास जारी है।
बयान का मुख्य अंश
“यह कुछ ऐसा है जिसमें हमारे विदेश मंत्री और NSA दोनों शामिल हैं। राष्ट्रपति मानते हैं कि यह एक दीर्घकालिक संघर्ष है और इसे शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।” – कैरोलिन लेविट

सीमा पर तनाव: पाकिस्तान की हरकतों पर भारत का जवाब
पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा उल्लंघन और ड्रोन आक्रमणों किए जा रहे हैं, जिनका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हिंदुस्तान ने हाल ही में पाकिस्तान के तीन सैन्य ठिकानों को टारगेट कर सटीक जवाबी कार्रवाई की है।
वैश्विक नजरें: भारत-पाक संघर्ष पर दुनिया की प्रतिक्रिया
हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अब अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिका की सक्रियता को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि यह संघर्ष युद्ध में न बदले।
कूटनीतिक हल की कोशिश: अमेरिका की रणनीति
अमेरिका का लक्ष्य है कि वह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक वार्तालाप को बढ़ावा दे। इसके लिए अमेरिकी एनएसए मार्को रुबियो ने हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों के अधिकारियों से संपर्क किया है।
अमेरिका की मध्यस्थता: सीधी बातचीत
मार्को रुबियो ने हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख से फोन पर बात की, जिसमें संयम बरतने की सलाह दी गई। अमेरिकी प्रयास यह संकेत देते हैं कि वह इस क्षेत्रीय तनाव को वैश्विक संकट बनने से पहले हल करना चाहता है।