अमेरिका को सीक्रेट जानकारी लीक से शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है. ट्रंप की टीम ने हूतियों पर हमले से जुड़े चैट ग्रुप में एक पत्रकार को जोड़ लिया. लेकिन यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका की खुफिया जानकारी लीक हुई है. ईरान पर इजरायल के हमले का प्लान और परमाणु हथियारों की जानकारी भी लीक हुई थी.
वॉशिंगटन: अमेरिका को एक बार फिर सीक्रेट जानकारी लीक होने के मामले में शर्मिंदा होना पड़ा है. ट्रंप के खास और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने अनजाने में अटलांटिक पत्रिका के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग सीक्रेट चैट ग्रुप में जोड़ लिया गया. यह ग्रुप यमन के हूतियों पर हमले से जुड़ा था. इसमें हमले का टार्गेट, हथियारों से जुड़ी और अन्य सीक्रेट जानकारियां शेयर की जा रही थीं. अब इस खबर के सामने आने के बाद ट्रंप प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा है.
वास्तव में तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध का मामला है, लेकिन ट्रंप प्रशासन इसे बेहद सामान्य स्थिति दिखाने की कोशिश में है. जब ट्रंप से इससे जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने अटलांटिक पत्रिका पर ही सवाल उठा दिए. वहीं जब रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘आप एक धोखेबाज और बेहद बदनाम तथाकथित पत्रकार के बारे में बात कर रहे हैं, जिसने झूठ फैलाने को अपना पेशा बना लिया है.’
अमेरिका इस समय अपनी इज्जत बचाने में लगा है, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब उसकी खुफिया जानकारियां लीक हो गईं. एक मामले में तो अमेरिका के न्यूक्लियर सीक्रेट ही सार्वजनिक हो गए थे. इस लेख में हम ऐसी ही लीक जानकारियों की बात करेंगे.

ईरान पर हमले की योजना लीक हुई
अक्टूबर 2024 में ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ गया था। तब इजरायल ईरान के प्रमुख सैन्य ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा था। इजरायल ने इस बारे में अमेरिका को जानकारी दी थी।यह बात सामने आई कि इजरायल ने ईरान पर एक भी हमला किया है। यह जानकारी सबसे पहले ईरान से जुड़े एक टेलीग्राम चैनल पर लाइक की गई। यह सीधे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की तरफ से थी, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में अमेरिका की किरकिरी हुई।
सवाल उठे कि आख़िरी अमेरिकी सहयोगी उस पर कैसे भरोसा कर सकता है। हालांकि, बाद में अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के एक अधिकारी पर दस्तावेज़ लीक करने का आरोप लगाया, जिसमें इज़रायली गोला-बारूद के विस्फोट और डूबने का खुलासा हुआ था।