अमेरिका का बयान: इंडिया और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। गुरुवार रात पाकिस्तान ने इंडिया के कई इलाकों पर ड्रोन और फाइटर जेट्स से आक्रमण करने की प्रयत्न की, जिसे भारतीय सेना ने मुस्तैदी से नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के 50 ड्रोन मार गिराए और उसके चार लड़ाकू विमान भी ढेर कर दिए।
इस स्थिति को लेकर अब दुनियाभर की निगाहें इंडिया-पाकिस्तान सीमा पर टिक गई हैं। दुनिया के बड़े देश इस टकराव पर नजर बनाए हुए हैं।
अमेरिका का बयान- भारत-पाक विवाद में नहीं होंगे सम्मिलित
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (J.D. Vance) ने शुक्रवार को इस समस्याएँ पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हम इस संग्राम में नहीं पड़ेंगे। यह इंडिया और पाकिस्तान का आपसी समस्या है।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका चाहता है कि यह तनाव परमाणु भिड़ंत की दिशा में न जाए। वेंस ने साफ किया कि वॉशिंगटन दोनों देशों से सिर्फ़ निवेदन कर सकता है लेकिन वह किसी पक्ष को हथियार डालने के लिए विवश नहीं कर सकता।

परमाणु युद्ध की आशंका पर जताई चिंता
उप-राष्ट्रपति वेंस ने कहा, “हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं यह तनाव परमाणु संग्राम में न बदल जाए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस लड़ाई से खुद को अलग रखना चाहता है, लेकिन शांति स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगा। अमेरिका की यह नीति 1971 के संघर्ष से बिल्कुल अलग है। उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन अब वह निष्पक्ष रुख अपनाता दिख रहा है।
अमेरिका की निवेदन- कूटनीति से सुलझे मामला
अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीति के रास्ते इस टकराव को सुलझाने की निवेदन की है। वेंस ने कहा कि परमाणु ताकतों के बीच संघर्ष वैश्विक संकट बन सकता है।