मां वैष्णो देवी की यात्रा आखिरकार तीन हफ्तों बाद फिर से शुरू हो गई है। 17 सितंबर से श्रद्धालु एक बार फिर माता के दरबार में दर्शन करने पहुँच रहे हैं। इससे पहले लगातार भूस्खलन और खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा था।
क्यों रुकी थी यात्रा?
26 अगस्त को त्रिकुटा पहाड़ियों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और करीब 20 लोग घायल हुए थे। हादसे के बाद सुरक्षा कारणों से यात्रा को रोकने का फैसला किया गया। इस दौरान प्रशासन और श्राइन बोर्ड ने रास्तों की मरम्मत और सुरक्षा इंतज़ामों पर काम किया।
कब और कैसे शुरू हुई?
पहले यात्रा को 14 सितंबर से शुरू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। आखिरकार 17 सितंबर से हालात सामान्य होने पर यात्रा फिर शुरू की गई। कटरा आधार शिविर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु “जय माता दी” के जयकारों के साथ आगे बढ़े और माहौल भक्तिमय हो गया।
श्रद्धालुओं की खुशी
तीन हफ्तों से यात्रा बंद होने के कारण भक्त निराश थे। कई लोग कटरा में डटे हुए थे और यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे थे। जैसे ही यात्रा शुरू हुई, भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई। माता के दरबार में पहुँचने वालों ने इसे आस्था की जीत बताया।
आगे की तैयारी
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। बोर्ड की ओर से साफ किया गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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