मध्यप्रदेश के सड़क पर निर्वस्त्र महिला के साथ सम्बन्ध बनाते वायरल बीजेपी नेता मनोहर लाल धाकड़ अब गिरफ्तार हो गए है। पुलिस अब इस मामले में महिला की तलाश कर रही है. हालां की महिला की पहचान हो गयी है और बीजेपी नेता को जेल भेज दिया गया है।
वायरल बीजेपी नेता गिरफ्तार, महिला की तलाश जारी
मध्य प्रदेश के नेता मनोहरलाल धाकड़ का अपनी महिला साथी के साथ सड़क पर संबंध बनाने का वीडियो वायरल होने के बाद से यह मामला सुर्खियों में है। मंदसौर पुलिस ने आरोपी नेता धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी धाकड़ ने भानपुरा थाने में खुद सरेंडर किया। वहीं, पुलिस ने धाकड़ के साथ दिख रही महिला की भी पहचान कर ली, उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी धाकड़ ने पुलिस को मामले को लेकर कोई खास जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने उसे गरोठ उप जेल भेज दिया है, इस दौरान वह नकाब पहने हुए था।
भानपुरा थाना पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपी महिला की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। साथ ही, आरोपी नेता धाकड़ से भी मामले को लेकर पूछताछ की जाएगाी। पुलिस ने नेता का वीडियो वायरल करने को लेकर एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों को नोटिस दिया है।
इस नोटिस में 13 मई को दिन-रात ड्यूटी पर रहने वाले कर्मचारियों की सूची मांगी गई है। पुलिस वीडियो वायरल करने वाले एनएचएआई कर्मचारियों पर भी एक्शन लेने की तैयारी में हैं।
13 मई को क्या हुआ?
13 मई की रात मंदसौर जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 से निर्वाचित भाजपा समर्थित सदस्य के पति और कथित भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ अपनी महिला मित्र के साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कार क्रमांक (MP-14-CC-4782) से जा रहे थे। भानपुरा के नीमथुर वाले पॉइंट पर धाकड़ ने अपनी कार रोक ली।
कार के रुकते ही धाकड़ और उनकी निर्वस्त्र महिला साथी बाहर निकले और उन्होंने सड़क पर संबंध बनाना शुरू कर दिए। इस दौरान दोनों करीब आठ मिनट तक आपत्तिजनक स्थिति में रहे। यह सब वहां लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया।
10 लाख नहीं दिया तो हुआ वीडियो वायरल !
आरोपी मनोहरलाल धाकड़ और उनकी महिला साथी की हरकत एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। दोनों के वहां जाने से पहले एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के कर्मचारी वहां पहुंचे और अश्लील वीडियो के अंश दिखाकर 10 लाख रुपये मांगे।
यहां से धाकड़ की ब्लैकमेलिंग की शुरुआत हुई। करीब आठ दिन तक कर्मचारियों और आरोपी नेता धाकड़ के बीच बातचीत होती रही, लेकिन डीन नहीं बन पाई। इसके बाद 22 मई को कर्मचारियों ने वीडियो वायरल कर दिए। इसके बाद यह सोशल मीडिया पर छा गए।