ईमानदार, जन-केंद्रित राजनीति के प्रतीक थे पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन
हैदराबाद। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (KTR) ने वरिष्ठ सीपीएम नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें ईमानदार, जन-केंद्रित राजनीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि सीपीएम के संस्थापक सदस्य से लेकर मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के रूप में सेवा करने तक, उनका राजनीतिक सफर उनके लिए एक स्थायी प्रेरणा रहा है।
कविता ने उनके निधन को ‘राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति’ बताया
उन्होंने शोक संतप्त परिवार और अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘लोगों के हित में उनकी दशकों की सेवा इतिहास में दर्ज हो जाएगी।’ पूर्व मंत्री टी. हरीश राव ने उनको एक निस्वार्थ नेता बताया, जिनकी ईमानदारी और जनसेवा की विरासत को पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। उन्होंने जनकल्याण के लिए उनके अथक संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बना रहेगा। एमएलसी के कविता ने उनके निधन को ‘राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति’ बताया और उनकी सरल जीवनशैली और सिद्धांतवादी राजनीति की सराहना की।

वीएस अच्युतानंदन कौन थे?
अच्युतानंदन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता थे। वह केरल के 11वें मुख्यमंत्री रहे। वे सामाजिक न्याय, भूमि सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के लिए प्रसिद्ध थे। उनका राजनीतिक जीवन छह दशकों से अधिक लंबा और सक्रिय रहा।
वीएस अच्युतानंदन का जन्म कब था?
अच्युतानंदन का जन्म 20 अक्टूबर 1923 को केरल के अलाप्पुझा जिले के पन्नियनकड़ा गांव में हुआ था। उनका जीवन संघर्षपूर्ण था, और वे बहुत कम उम्र में ही वामपंथी आंदोलनों से जुड़ गए थे।
वीएस अच्युतानंदन का निधन कब हुआ?
अच्युतानंदन का निधन 30 अक्टूबर 2023 को हुआ। वह 100 वर्ष के थे। उनके निधन से केरल की राजनीति में एक युग का अंत हुआ। वे भारतीय राजनीति में अनुशासन, ईमानदारी और जनसेवा के प्रतीक माने जाते हैं।
Read Also : City News : नागरिक इलाकों के जलभराव होने से तत्काल राहत की मांग की