प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा में वक्फ संशोधन बिल के पारित होने पर आनंद व्यक्त की है। उन्होंने इसे सामाजिक-आर्थिक न्याय, स्पष्टता और समावेशी विकास की दिशा में एक अहम कदम बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों की सुरक्षा करेगा, जो लंबे समय से निर्मलता और ज़िम्मेदारी की कमी के कारण असरदार हो रहे थे। उन्होंने कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली में पारदर्शिता की कमी रही है, जिससे कई वर्गों को क्षति उठाना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार हर इंसान की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए आबद्ध है और यही भारत को पुष्ट और समावेशी बनाने की दिशा में एक प्रयोजनीय कदम होगा। उन्होंने संसद के सभी सदस्यों और विधानमंडलीय समितियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस विधेयक को और श्रेष्ठ बनाने के लिए बहस और सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि यह कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा। साथ ही, उन्होंने सभी नागरिकों से इंसाफऔर बराबरी की दिशा में इस बदलाव को अपनाने की अपील की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित
राज्यसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को लंबी बातचीत के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से अनुमति दे दी। सरकार का दावा है कि इस विधेयक से देश के निर्धन, पसमांदा मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में सहायता मिलेगी।
इसी के साथ वक्फ (संशोधन) प्रस्ताव, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) प्रस्ताव, 2024 को संसद की इजाजत मिल गई। लोकसभा ने इन्हें बुधवार देर रात समीप दो बजे पारित किया था। विपक्ष द्वारा लाए गए कई संशोधनों को उच्च सदन ने खारिज कर दिया।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बातचीत के दौरान कहा कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ मालमत्ता थीं, जिनसे केवल 163 करोड़ दौलतकी आय हुई, जबकि 2013 में संशोधन के बावजूद आय सिर्फ तीन करोड़ दौलत बढ़ी। वर्तमान में देश में 8.72 लाख वक्फ जायदाद हैं।
रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक वक्फ जायदाद के प्रबंधन, मुतवल्लियों के प्रशासन और निगरानी को पुष्ट करेगा। उन्होंने कहा, “सरकार वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन नहीं करती और न ही उसमें दखल करती है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव से वक्फ मामलों में मुसलमानों के अलावा किसी अन्य का मध्यस्थता नहीं होगा, और जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह अनाधार हैं।