“waqf संशोधन विधेयक से मुसलमानों का कल्याण: मोहसिन रजा”

"waqf संशोधन विधेयक से मुसलमानों का कल्याण: मोहसिन रजा"

waqfसंशोधन विधेयक: मुसलमानों के लिए कल्याणकारी कदम

1 अप्रैल 2025 को भाजपा नेता मोहसिन रजा ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के कल्याण के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए रजा ने दावा किया कि मोदी सरकार इस संशोधन के जरिए करोड़ों दबे-कुचले और पिछड़े मुसलमानों के उत्थान के लिए काम कर रही है। उनके मुताबिक, waqf संशोधन विधेयक से न सिर्फ मुस्लिम समुदाय को न्याय मिलेगा, बल्कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

"waqf संशोधन विधेयक से मुसलमानों का कल्याण: मोहसिन रजा"
“waqf संशोधन विधेयक से मुसलमानों का कल्याण: मोहसिन रजा”

मोहसिन रजा का कांग्रेस पर हमला

मोहसिन रजा ने इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से waqf की संपत्तियों का इस्तेमाल कभी भी गरीब मुसलमानों के लिए नहीं हुआ। रजा के अनुसार, “वक्फ की ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं के कब्जे में हैं, जिन्हें कांग्रेस और सपा जैसे दलों ने संरक्षण दिया।” उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करते आए हैं, लेकिन उनकी बेहतरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

waqfसंशोधन विधेयक की खासियत

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में कई अहम बदलाव प्रस्तावित हैं। इसमें waqfबोर्ड में पारदर्शिता लाने, संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। रजा ने कहा कि यह बिल waqfको सिर्फ कुछ लोगों का खेल बनने से रोकेगा और इसका लाभ आम मुसलमानों तक पहुंचेगा। उन्होंने इसे “waqfमुस्लिम कल्याण दिवस” के तौर पर याद किए जाने वाला कदम बताया।

विपक्ष का विरोध और भाजपा का जवाब

विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, सपा और AIMIM ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर हमला है। हालांकि, मोहसिन रजा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि विरोध करने वाले वे लोग हैं जो waqfकी संपत्तियों पर कब्जा जमाए हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह संशोधन आम मुसलमानों के हित में है, न कि किसी खास वर्ग के खिलाफ।

मोहसिन रजा के बयान ने waqfसंशोधन विधेयक को लेकर बहस को और गर्म कर दिया है। जहां भाजपा इसे मुसलमानों के कल्याण का रास्ता बता रही है, वहीं विपक्ष इसे संवैधानिक अधिकारों पर हमला करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है। आप इस विधेयक के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर शेयर करें!

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