War : जंग में ऐसे पिस जाते हैं मासूम बच्चे, झकझोर देगी 4 साल की मस्सा अबेद की कहानी
War और बच्चों की त्रासदी
- दुनिया के कई हिस्सों में जारी War ने न जाने कितनी मासूम जिंदगियां छीन ली हैं।
- 4 साल की मस्सा अबेद भी ऐसी ही एक जंग की शिकार बनी है।
- उसका गांव युद्ध की गोलियों और बम धमाकों के बीच तबाह हो गया।
- मस्सा अबेद के माता-पिता दोनों इस जंग में मारे गए, वह अकेली रह गई।
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War के कारण उजड़े सपने
- मस्सा अबेद को एक स्थानीय राहत शिविर में ले जाया गया।
- वहाँ उसके जैसे कई बच्चे हैं जो war की वजह से अनाथ हो चुके हैं।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल हजारों बच्चे इस जंग में अपनी जान गंवा देते हैं।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सब कुछ छिन जाता है जब जिंदगी जंग के साए में बीतती है।
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जंग से बचाव और समाधान की जरूरत
- विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक समाधान ही इस war को रोक सकता है।
- बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना चाहिए।
- मानवाधिकार संगठनों ने युद्धग्रस्त इलाकों में मदद भेजने की अपील की है।
- शांति वार्ताओं की जरूरत अब पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही है।
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जंग में खोई मासूमियत
- मस्सा अबेद की कहानी उन हजारों बच्चों की कहानी है जिनकी मासूमियत war ने छीन ली।
- उसने जो देखा और सहा, वह किसी के लिए भी दर्दनाक है।
- इस दर्द को समझना और उसे खत्म करने के प्रयास करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
- क्या कभी ये जंग रुकेगी? क्या मासूमों की हंसी फिर लौटेगी? ये सवाल आज भी कायम हैं।