सियोल। उत्तर कोरिया की नौसेना को उस समय करारा झटका लगा जब देश का नया 5000 टन वजनी विध्वंसक युद्धपोत लॉन्चिंग के दौरान ही बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यह घटना चोंगजिन पोर्ट पर बुधवार को हुई, जहां नेता किम जोंग उन खुद मौजूद थे। तानशाह के खौंफ से जिम्मेदारों को क्या सजा मिलेगी इसको लेकर दहशत का माहौल है। किम ने इस हादसे को गंभीर दुर्घटना और आपराधिक लापरवाही बताया।
कर्मचारियों पर बिल्कुल गैरजिम्मेदार और अवैज्ञानिक रवैये का आरोप लगाया
उन्होंने वैज्ञानिकों, सेना अधिकारियों और शिपयार्ड कर्मचारियों पर बिल्कुल गैरजिम्मेदार और अवैज्ञानिक रवैये का आरोप लगाया। साथ ही इस लापरवाही पर चर्चा के लिए वर्कर्स पार्टी की आपात बैठक बुलाने का आदेश दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विध्वंसक संभवतः रूस की तकनीकी मदद से तैयार हुआ था। उत्तर कोरिया की नौसेना भले ही दक्षिण कोरिया से कमजोर मानी जाती है, लेकिन यह नया पोत उसकी सैन्य ताकत और हमलावर क्षमताओं को काफी बढ़ा सकता है।
नौसेना में परमाणु-सक्षम पनडुब्बी शामिल करने की भी बात कही है
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब उत्तर कोरिया अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है। किम ने अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगियों के सैन्य अभ्यासों को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए नौसेना में परमाणु-सक्षम पनडुब्बी शामिल करने की भी बात कही है।
किम जोंग उन ने वैज्ञानिकों और सेना के अधिकारियों पर ऐक्शन लेने के लिए आपात बैठक बुलाई
बताया जा रहा है कि यह युद्धपोत रूसी मदद से तैयार किया गया था। हादसे पर भड़कते हुए तानाशाह किम जोंग उन ने वैज्ञानिकों और सेना के अधिकारियों पर ऐक्शन लेने के लिए आपात बैठक बुलाई है। उत्तर कोरियाई सरकारी एजेंसी के मुताबिक, युद्धपोत को रैंप से नीचे उतारते वक्त संतुलन बिगड़ गया। फ्लैटकैप समय पर नहीं चला, जिससे जहाज झुक गया और उसका नीचला हिस्सा दबकर टूट गया। यह पोत उत्तर कोरिया की पहली आधुनिक विध्वंसक श्रेणी का हिस्सा था, जिसका अनावरण 25 अप्रैल को किया गया था। इसे न्यूक्लियर क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस करने की योजना थी। किम ने इसके मिसाइल परीक्षणों की निगरानी भी की थी और इसे अगले साल से नौसेना में शामिल किया जाना था।
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