वाटर फास्टिंग: सही तरीका, फायदे और सावधानियां

By digital@vaartha.com | Updated: March 25, 2025 • 5:59 AM

वाटर फास्टिंग क्या है?

वाटर फास्टिंग एक प्रकार का उपवास है, जिसमें व्यक्ति किसी भी प्रकार का भोजन नहीं करता, केवल पानी पीता है। लोग इसे वजन कम करने, बॉडी डिटॉक्स करने या स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए अपनाते हैं। कुछ लोग इसे आध्यात्मिक या धार्मिक कारणों से भी करते हैं।

वाटर फास्टिंग के उद्देश्य:

वाटर फास्टिंग के फायदे

1. बॉडी डिटॉक्स:
वाटर फास्टिंग पाचन अंगों को आराम देने का काम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

2. वजन घटाने में मदद:
यदि सही तरीके से किया जाए, तो यह वजन कम करने में प्रभावी हो सकता है। यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाने में मदद करता है।

3. सेल रिपेयरिंग:
फास्टिंग के दौरान शरीर में सेल रिपेयरिंग की प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा और ताकत मिलती है।

4. हार्ट हेल्थ:
यह हार्ट हेल्थ के लिए भी लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

वाटर फास्टिंग का सही तरीका

1. फास्टिंग से पहले तैयारी करें

2. सही समय चुनें

3. फास्टिंग के दौरान ध्यान रखें

4. फास्टिंग खत्म करने का सही तरीका

वाटर फास्टिंग के दौरान होने वाली सामान्य समस्याएँ

1. शरीर की कमजोरी और थकान:
वाटर फास्टिंग के दौरान शरीर को ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।

2. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन:
अत्यधिक पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं और शरीर कमजोर महसूस कर सकता है।

3. पाचन समस्याएँ:
लंबे समय तक उपवास करने से पाचन में कठिनाई हो सकती है, खासकर अगर उपवास के बाद भारी भोजन किया जाता है।

किसे वाटर फास्टिंग नहीं करनी चाहिए?

वाटर फास्टिंग सभी के लिए उपयुक्त नहीं होती। निम्नलिखित लोगों को इसका पालन नहीं करना चाहिए:

वाटर फास्टिंग से जुड़े सामान्य सवाल और जवाब

1. वाटर फास्टिंग के दौरान रोज कितना पानी पीना चाहिए?
आम तौर पर 2-3 लीटर पानी पीना सही माना जाता है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

2. क्या वाटर फास्टिंग के दौरान एक्सरसाइज कर सकते हैं?
हल्की एक्सरसाइज जैसे योग या स्ट्रेचिंग की जा सकती है, लेकिन इंटेंस एक्सरसाइज से बचना चाहिए।

3. क्या बार-बार वाटर फास्टिंग करना सुरक्षित है?
हां, लेकिन संतुलित तरीके से किया जाए तो ही यह सुरक्षित है। 12-16 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग रोज़ की जा सकती है, और महीने में एक बार 48-72 घंटे की फास्टिंग की जा सकती है।

निष्कर्ष:

वाटर फास्टिंग के दौरान सावधानी रखना जरूरी है। यदि इसे सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसके बारे में जानकारी और विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है।

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