जजयपुर। राजस्थान के पांच जिलों में भारी वर्षा (Heavy Rain) ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सवाईमाधोपुर और कोटा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सवाईमाधोपुर में करीब तीन सौ घरों में पानी भर गया है और रेल की पटरियां पानी में डूब जाने से पांच ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। सुरवाल बांध (Surwal Dam) में एक नाव पलटने से नौ लोग पानी में डूबने लगे, लेकिन आपदा प्रबंधन दल ने समय रहते सभी को सुरक्षित निकाल लिया।
सवाईमाधोपुर में 300 घरों में घुसा पानी
- जिले में लगातार बारिश के चलते करीब 300 घर जलमग्न हो गए।
- रेल की पटरियां पानी में डूबने से पांच ट्रेनें प्रभावित हुईं।
- सुरवाल बांध में नाव पलटने से नौ लोग डूबने लगे, लेकिन राहत दल ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
- तेज बहाव में एक कार बह गई, जिसमें तीन में से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान इंदौर निवासी पिंटू कुमार के रूप में हुई।
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 552 पर बेदल पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई।
कोटा के दीगोद कस्बे में हालात बिगड़ने के बाद सेना को राहत कार्यों में लगाया गया। यहां हालात का जायजा लेने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर सेना के ट्रक से पहुंचे। कोटा से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर भी पानी भर जाने से यातायात बाधित हो गया।
बारिश से जुड़े हादसों में तीन लोगों की हो चुकी है मौत
भारी वर्षा से भीलवाड़ा, उदयपुर, बारां और टोंक जिले भी प्रभावित रहे हैं। पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़े हादसों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सवाईमाधोपुर में गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक लगातार बारिश हुई। यहां पानी के तेज बहाव में एक कार बह गई, जिसमें तीन लोग सवार थे। इनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसकी पहचान मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी पिंटू कुमार के रूप में हुई। इसके अलावा सवाईमाधोपुर से मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 552 (National Highway 552) पर बेदल पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई।
कोटा में सेना ने संभाला मोर्चा
- दीगोद कस्बे में हालात बिगड़ने पर सेना को उतारा गया।
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सेना के ट्रक से मौके का जायजा लिया।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर भी पानी भर जाने से यातायात प्रभावित रहा।
- सुल्तानपुर क्षेत्र में घरों में पानी घुसने पर लोगों को ट्रैक्टर और ट्रक से सुरक्षित निकाला गया।
- कई कच्चे मकान गिर गए और ग्रामीण इलाकों का संपर्क टूट गया।
अन्य जिलों में तबाही
- भीलवाड़ा, उदयपुर, बारां और टोंक में भी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।
- बूंदी जिले के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया।
- भीलवाड़ा के गोवटा बांध में डूबने से एक छात्र की मौत हो गई।
- जयपुर में स्कूल बस अंडरपास में फंस गई, लेकिन सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
- चाकसू की ढूंढ नदी में बाइक सवार दंपति बह गए। पति को बचा लिया गया, जबकि पत्नी की तलाश जारी है।
मौत का आंकड़ा
पिछले 24 घंटों में विभिन्न हादसों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान का सबसे बड़ा बांध कौन सा है?
राजस्थान का सबसे बड़ा बांध राणा प्रताप सागर बांध है, जो जल भराव की दृष्टि से सबसे बड़ा है और चित्तौड़गढ़ जिले में चंबल नदी पर स्थित है।
सबसे बड़ी बाढ़ कब आई थी?
भारत में, 1978 में आई बाढ़ को सबसे बड़ी बाढ़ माना जाता है, जिसने उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में तबाही मचाई थी. इस बाढ़ में करीब 3,000 लोगों की मौत हुई थी और लाखों लोग विस्थापित हुए थे
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