Latest News Mussoorie : आपदा में फंसे पर्यटकों के लिए होटल फ्री

By Surekha Bhosle | Updated: September 17, 2025 • 1:17 PM

होटल मालिकों ने दिखाई इंसानियत, मुफ्त में रहने और खाने की व्यवस्था की

Mussoorie : बारिश और भूस्खलन के कारण रास्ते बंद- मसूरी (Mussoorie) में चारों ओर तबाही का मंजर- उत्तराखंड के मसूरी में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गईं, जिससे करीब 2000 पर्यटक अलग-अलग जगहों पर फंस गए। अचानक आई इस आपदा से लोग घबरा गए और मदद की उम्मीद में इंतज़ार करने लगे

उत्तराखंड में मानसूनी बरसात ने इस बार भारी तबाही मचा रखी है. (Dehradun) देहरादून में मंगलवार को बादल फट गया. इसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो जाने खबर है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. सोमवार देर रात से लेकर मंगलवार सुबह लगभग पांच घंटे में देहरादून और उसके आसपास के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को बारिश ने तबाह कर दिया. तीन नदियां उफान पर आ गईं. कई दुकानों को सैलाब बहाकर ले गया।

हाईवे पर बने पुल धाराशायी हो गए. देहरादून से मसूरी, हरिद्वार और शिमला जाने वाले हाईवे पर बना पूल भी टूट गया. इस वजह मसूरी में लगभग दो हजार पर्यटक फंसे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से पर्यटकों को कहा गया है कि वो मसूरी में ही स्टे करें. पर्यटकों को फंसे देख यहां के होटल संचालकों ने बड़ा दिल दिखाया है और फंसे पर्यटकों के लिए सेवाएं बिल्कुल फ्री कर दी हैं।

आपदा में फंसे पर्यटकों के लिए होटलों में सेवाएं फ्री

मसूरी होटल एसोशियन के अध्यक्ष की ओर से आपदा में पर्यटकों के फंसे होने से होटलों में उनके लिए सेवाएं फ्री कर देने की बात बताई गई है. वहीं देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान सहस्त्रधारा पर्यटन स्थल पर हुआ है. यहां 30 दुकानें बह गईं और तीन लोगों की मौत हो गई. आसन नदी जो दूनी घाटी में बहती है, उसमें बाढ़ आ गई.

टपकेश्वर महादेव मंदिर में भारी नुकसान

देहरादून जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ की चपेट में एक ट्रेक्टर-ट्रॉली आई, जिससे 10 लोगों की जान चली गई. वहीं टोंस नदी में बाढ़ आने से देवभूमि कॉलेज में पानी भर गया. एसडीआरएफ ने 300 बच्चों को निकाला, जोकि हॉस्टल में फंसे थे. देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में भारी नुकसान हुआ. तमसा नदी में आई बाढ़ की वजह से कुछ प्रतिमाएं बह गईं. वहीं आधा मंदिर मलबे में दब गया।

आईएमडी देहरादून की ओर से बताया गया कि इस इलाके में कोई वेदर सिस्टम नहीं था. हालांकि राजस्थान के पास एंटी साइक्लोन सिस्टम होने की वजह से गर्म हवाएं पूरब से आ रहीं नम हवाओं से टकरा गईं. इससे बरसात देखने को मिली।

मसूरी का इतिहास क्या है?

मसूरी की खोज 1827 में एक साहसी सैन्य अधिकारी कैप्टन यंग ने की थी। वे इस असाधारण सुंदर पर्वत श्रृंखला से प्रभावित हुए और इसकी नींव रखी। मसूरी “गंगोत्री” और “यमुनोत्री” तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार भी है।

कितने दिन लगेंगे मसूरी घूमने में ?

मसूरी Mussoorie में कितने दिन पर्याप्त हैं? उत्तर: मसूरी के मुख्य आकर्षणों, जैसे केम्प्टी फ़ॉल्स, मॉल रोड, गन हिल और कैमल्स बैक रोड, को देखने के लिए 3 से 4 दिन आदर्श हैं। इस अवधि में आराम करने, मनोरम दृश्यों का आनंद लेने और लंढौर या धनोल्टी जैसे आस-पास के स्थानों की छोटी-छोटी सैर करने का पर्याप्त समय मिलता है।

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