कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त, बाढ़ और भूस्खलन ने बढ़ाई चिंता
Monsoon : उत्तर भारत में इस बार मॉनसून (Monsoon) राहत नहीं, बल्कि तबाही बनकर आया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़, जलभराव, भूस्खलन और सड़क टूटने जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
दर्जनों मौतें, सैकड़ों घायल सरकारी रिपोर्टों के अनुसार:
- अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
- 200 से ज्यादा घायल हुए हैं
- हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
- सैकड़ों घरों और दुकानें जलप्रलय में बह गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं
नई दिल्ली: उत्तर भारत में सितंबर के महीने में भी मॉनसून का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, (Himachal Pradesh) पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
नदियां उफान पर हैं, सड़कें बंद हैं, और कई इलाकों में स्कूलों को बंद करने के साथ-साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
जम्मू में तवी नदी उफान पर, भूस्खलन से हाईवे बंद
जम्मू में तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जम्मू डिवीजन में अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। डोडा और उधमपुर में भूस्खलन के कारण कई हाईवे बंद हो गए हैं।
डोडा-किश्तवाड़ हाईवे पर भूस्खलन से सड़क पर भारी मलबा आ गया, जिसे हटाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। पुलिस ने लोगों से यात्रा करने से पहले ट्रैवल एडवाइजरी देखने की अपील की है। जम्मू के बारमीनी गांव में भूस्खलन से 50 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है और करीब 100 परिवार प्रभावित हुए हैं। वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, हालांकि रेलवे ने 24 ट्रेनों को बहाल करने का फैसला किया है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से तबाही
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। किन्नौर में नाथपा के पास भूस्खलन से नेशनल हाईवे-5 पूरी तरह बंद हो गया है। शिमला के रामपुर में भूस्खलन से सड़कें मलबे से ढक गई हैं, और कुल्लू में बस स्टैंड के पास एक इमारत भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गई। सौभाग्यवश, समय रहते इमारत खाली कर ली गई थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। मंडी के सुंदरनगर में भूस्खलन के कारण दो घर मलबे में दब गए, जिसमें 5 लोग फंस गए थे। NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं और अब तक तीन शव निकाले जा चुके हैं।
मॉनसून Monsoon सीजन में 46 बार बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, और 95 जगहों पर बाढ़ आई है। चार नेशनल हाईवे सहित 1,277 सड़कें, 3,207 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 790 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला, चंबा, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना और कांगड़ा में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। लाहौल-स्पीति के कुंजम टॉप पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है।
मानसून वापस लौटने पर किस दिशा में चलता है?
हवा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर चल रही है। वापस लौटने वाली मानसूनी हवाएँ भूमि से समुद्र की ओर चल रही हैं। मानसून आगमन के मामले में, हवाएं जून में दक्षिण से भारत पहुंचती हैं और एक महीने में पूरे देश को कवर करते हुए उत्तर की ओर यात्रा करती हैं। दक्षिण भारत के पूर्वी तट पर वापस लौटने वाले मानसून से वर्षा होती है।
भारत में मानसून कब लौटता है?उत्तर-पूर्वी मानसून (अक्टूबर से दिसंबर)
दक्षिण-पश्चिमी मानसून Monsoon जैसे ही कमजोर पड़ने लगता है, अक्टूबर महीने तक उत्तर-पूर्वी मानसून का आगमन हो जाता है। इसे लौटता हुआ मानसून भी कहा जाता है।
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