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India के लिए चौथी अर्थव्यवस्था बनने का क्या है मतलब

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
India के लिए चौथी अर्थव्यवस्था बनने का क्या है मतलब

आम लोगों को क्यों खुश होना चाहिए?

India 4th Largest GDP: जब हम कहते हैं कि भारत की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई, इसके मायने ये है कि यहां पर 1 साल में जितना कारोबार, सेवाएं और उत्पादन होता है, उन सभी की कीमत 4 ट्रिलियन डॉलर तक आ गई है

India 4 Trillion Dollar GDP: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए ये एक अच्छी खबर है, जो न सिर्फ देश को आत्मविश्वास देता है बल्कि तेजी से उभरते भारत की ये एक बानगी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक की रिपोर्ट में दावा किया गया है, 22 अप्रैल 2025 को जारी की गई है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि देश की जीडीपी चार ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी अब चार ट्रिलियन डॉलर के पार हो चुकी है और ये कोई अनुमान नहीं बल्कि आईएमएफ का डेटा है. नीति आयोग के सीईओ ने ये भी कहा कि अगर इसी तरह से भारत की इकोनॉमी की रफ्तार रही तो अगले दो से तीन सालों में भारत, जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

अब जर्मनी से एक कदम दूर भारत

2023 में दुनिया की टॉप 10 इकोनॉमी इस तरह से थी- अमेरिकी 27.72 ट्रिलियन डॉलर, चीन 17.79 ट्रिलियन, जर्मनी 4.52 ट्रिलियन, जापान 4.20 ट्रिलियन, भारत 3.56 ट्रिलियन, ब्रिटेन 3.38 ट्रिलियन, फ्रांस 3.05 ट्रिलियन, इटली 2.30 ट्रिलियन, ब्राजील 2.17 ट्रिलियन और कनाडा 2.14 ट्रिलियन डॉलर. लेकिन, 20225-26 को लेकर आईएमएफ की नई रिपोर्ट में भारतीय इकोनॉमी के 4.286 ट्रिलियन डॉलर और जापान की इकोनॉमी 4.186 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है।

तीसरी इकोनॉमी के मायने

यहां पर एक चीज ये समझने की है कि जब हम ये बात कहते हैं कि भारत की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई है तो इसके मायने ये है कि यहां पर एक साल में जितना कारोबार, सेवाएं और उत्पादन होता है, उन सभी की कीमत 4 ट्रिलियन डॉलर तक आ गई है. ये किसी देश की जीडीपी होता है, जो आर्थिक तौर पर उसे मापने का एक आधार भी है।

ऐसे में दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने का मतलब अब ये हुआ कि भारत न सिर्फ उभरती अर्थव्यवस्था है बल्कि स्थापित ग्लोबल इकोनॉमिक पावर बन चुका है।
देश के एक ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने में आजादी के बाद करीब छह दशक के समय लगा, उसके बाद 2014 में 2 ट्रिलियन, 2021 में तीन ट्रिलियन और 2025 में 4 ट्रिलियन देश की अर्थव्यवस्था हो चुकी है।

इसका सीधा मतलब ये हुआ कि देश में उपभोग बढ़ा और निवेशकों को भरोसा मजबूत हुआ है. ऐसे समय में जब दुनिया की सभी अर्थ्यवस्थाओं की रफ्तार धीमी है, आईएमएफ की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सवा, तकनीक से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक… हर सेक्टर में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। आईएमएफ का ये भी अनुमान है कि भारत की 2025 में जीडीपी ग्रोथ 6.2 प्रतिशत जबकि जापान जैसे देश सिर्फ 0.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेंगे।

क्या होगा फायदा

आईएमएफ की भारत India की इकोनॉमी पर लगाई गई इस मुहर से आने वाले दिनों में निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा. नौकरी के नए अवसर से लेकर जीवन स्तर और निवेश के रास्ते पर सुधार देखने को मिलेंगे। हालांकि, देश के सामने इस वक्त कई चुनौतियां भी है, वो चाहे बात आय की असमानता की करें, बेरोजगारी की करें या फिर प्रति व्यक्ति आय की. आयात पर अब भी भारत की काफी निर्भरता है। ऐसे में आने वाले समय में भारत की इससे पार पाने के लिए कदम उठाने होंगे।

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