जस्टिस यशवंत वर्मा मामले को लेकर जगदीप धनखड़ अपनी अलग राह पकड़े हुए थे। मोदी कैबिनेट के मंत्रियों ने इस मामले में उनसे तीन बार बात भी की, लेकिन वह नहीं माने। धनखड़ के रुख से पीएम मोदी भी नाराज बताए जा रहे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया। इसके बाद नए उपराष्ट्रपति को लेकर कवायद तेज हो गई है। वहीं, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सियासी अटकलों का दौर अभी भी जारी है।
खबर सामने निकल कर आ रही है कि जगदीप धनखड़ के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashvant Varma Case) मामले को लेकर उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सख्त नाराज थे। मोदी सरकार के दो मंत्रियों किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा ने यह बात जगदीप धनखड़ को बताई भी थी। इस पर धनखड़ ने कहा था कि वह नियमों में रहकर ही काम कर रहे हैं।
सरकार और उपराष्ट्रपति में टकराव की स्थिति
जानकारी के अनुसार, किरेन रिजिजू ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कहा था कि लोकसभा में महाभियोग चलाने की प्रक्रिया होती है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए लाए गए नोटिस पर साइन किए हैं। इस पर धनखड़ ने जवाब दिया कि वह नियमों के मुताबिक ही काम कर रहे हैं।
बताया जाता है कि जस्टिस यशवंत वर्मा मामले को लेकर संसद सत्र शुरू होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने जगदीप धनखड़ को सूचित कर दिया था कि सरकार लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने जा रही है। इसके बाद यह प्रस्ताव राज्यसभा में लाया जाएगा। रविवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान भी उन्होंने धनखड़ को यह जानकारी दी।
सोमवार को भारतीय जनता पार्टी को यह बात पता चली कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। उन्होंने वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए सांसदों के हस्ताक्षर वाली सूची दी। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। वह सोमवार को ही सदन में इसकी घोषणा करने वाले थे।
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