घर के ब्रह्म स्थान: वास्तु शास्त्र के मुताबिक, गृह का मध्य भाग यानी ब्रह्म स्थान पूरे भवन की ऊर्जा का केंद्र होता है। जिस प्रकार हमारे शरीर का नियंत्रण पेट से होता है, उसी तरह ब्रह्म स्थान से पूरे गृह में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। अगर इस स्थान का सही विधि से उपयोग किया जाए तो जीवन में सुख-वृद्धि बढ़ती है।
ब्रह्म स्थान का श्रेष्ठता
गृह के बीचों-बीच स्थित ब्रह्म स्थान को देवताओं का स्थान माना जाता है। यहां से गृह में शुद्ध वायु, प्रकाश और ऊर्जा का प्रसार होता है। इस स्थान को हमेशा स्वच्छ और खाली रखना चाहिए ताकि ऊर्जा का आवागमन अबाध रहे। भारी सामान रखने से इस प्रदेश की सकारात्मकता प्रभावित होती है।
ब्रह्म स्थान में क्या रखें?
ब्रह्म स्थान पर नियमित रूप से धूप जलाना, दीपक प्रज्वलित करना और सुगंधित अगरबत्ती लगाना बेहद शुभ माना गया है। इससे गृह में आशावान ऊर्जा बनी रहती है और वातावरण पवित्र होता है।

घर के ब्रह्म स्थान: तांबे का गागर
वास्तु शास्त्र में तांबे के घड़ा को ऊर्जा प्रवाह के लिए बेहद लाभकारी बताया गया है। ब्रह्म स्थान पर तांबे के गागर में जल भरकर रखने से आवास में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। साथ ही मानसिक परेशानी भी कम होता है।
स्फटिक क्रिस्टल

स्फटिक को माँ लक्ष्मी का प्रिय रत्न माना जाता है। इसे आवास के मध्य स्थान पर रखने से वास्तु दोष समाप्त होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। स्फटिक कुटुंब के सदस्यों के बीच सामंजस्य भी बढ़ाता है।
घर के ब्रह्म स्थान: क्या न रखें ब्रह्म स्थान में?
ब्रह्म स्थान पर भारी फर्नीचर, स्टोर रूम का सामान, या कोई ऋणात्मक चीज नहीं रखनी चाहिए। इससे निवास में ऋणात्मक ऊर्जा का संचार होता है और समस्याएं बढ़ सकती हैं।