इजरायल को तो कोई फायदा नहीं, लेकिन भारत पर क्या होगा असर
- डोनाल्ड ट्रंप की खाड़ी यात्रा में 2 ट्रिलियन डॉलर निवेश और तकनीकी समझौते हुए. उन्होंने सीरिया पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया, जिससे इजरायल नाराज है. भारत को लाभ मिल सकता है।
मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सऊदी अरब, कतर और UAE का दौरा किया. इस यात्रा में उन्होंने 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के इन्वेस्टमेंट, हथियार और तकनीकी समझौते किए।
लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हुई, जब उन्होंने सीरिया के इस्लामी नेता अहमद अल-शरा से मुलाकात. इजरायल इसे सूट पहनने वाला अल-कायदा आतंकी मानता है।ट्रंप ने सीरिया पर प्रतिबंध भी हटाने का ऐलान किया. ट्रंप ने जो कुछ भी किया, उससे इजरायल जरूर खफा होगा, लेकिन आइए जानते हैं कि भारत पर इस दौरे का क्या असर पड़ने वाला है?
पहले जानिए ट्रंप की यात्रा का संदेश क्या है? ट्रंप ने साफ कर दिया कि उनका फोकस अब सुन्नी खाड़ी देशों पर है कि न कि इजरायल पर। ट्रंप इस बात से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से नाराज हैं कि क्योंकि वह गाजा में युद्धविराम को तैयार नहीं हैं. ट्रंप ईरान के साथ नई परमाणु डील की ओर बढ़ रहे हैं, जो इजरायल को पसंद नहीं. खाड़ी देशों, खासकर सऊदी अरब को ट्रंप बड़ी भूमिका में देख रहे हैं।
भारत पर असर क्या होगा?
- भारत के लिए खाड़ी देश ऊर्जा, निवेश और रोजगार के लिहाज से बेहद अहम हैं. ट्रंप की इस नीति से भारत को नए व्यापार और रणनीतिक अवसर मिल सकते हैं. इनकी ताकत बढ़ने से भारत को व्यापार और रणनीतिक लाभ मिल सकता है. खाड़ी की मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान तनाव कम हो सकता है। भारत इजरायल का साझेदार है और गाज़ा में इजरायल को खुला समर्थन दे रहा है. लेकिन अब अमेरिका और इजरायल के बीच खटास से भारत को कूटनीतिक संतुलन बनाना पड़ेगा।