गुड फ्राइडे के मौके पर उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने रोम में समय बिताने के लिए आभार व्यक्त किया। जे.डी. वेंस एक पोस्ट में लिखा,
“मैं हर दिन इस जिम्मेदारी के लिए आभारी हूं, लेकिन खास तौर पर आज, जब मेरे आधिकारिक कार्य मुझे गुड फ्राइडे के दिन रोम ले आए। मैंने प्रधानमंत्री मेलोनी और उनकी टीम से शानदार मुलाकात की और अब अपने परिवार के साथ चर्च जाने वाला हूं।”
उन्होंने आगे लिखा,
“मैं दुनिया भर के सभी ईसाइयों को, खासकर अमेरिका में रहने वालों को, गुड फ्राइडे की शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने हमारे लिए अपना बलिदान दिया ताकि हम जीवित रह सकें।”
लेकिन इस मैसेज के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ‘फेक क्रिश्चियन’ कहा जाने लगा, क्योंकि उन्होंने एक हिंदू और भारतीय मूल की महिला से शादी की है। उनकी शादी की एक पुरानी तस्वीर, जिसमें वे भारतीय पारंपरिक पोशाक में माला पहनते हुए दिख रहे हैं, फिर से वायरल की गई और ट्रोल्स का निशाना बनी।
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका की पहली एशियाई-अमेरिकन और पहली हिंदू सेकंड लेडी उषा वेंस को उनके धर्म और भारतीय मूल के लिए निशाना बनाया गया हो। हाल ही में उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी और कहा:
“क्या मुझे अच्छा लगता है जब लोग ‘भारतीयों के प्रति नफरत को सामान्य बनाना’ जैसे बातें करते हैं? बिल्कुल नहीं। मुझे यह बहुत खराब लगता है।”
उन्होंने ‘द फ्री प्रेस’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह नस्लीय हमले कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन सोशल मीडिया के कारण यह बातें ज्यादा तेजी से फैलने लगी हैं।
चुनाव के दौरान भी उषा वेंस को लेकर कई ‘MAGA’ (Make America Great Again) विचारधारा से जुड़े श्वेत वर्चस्ववादी लोगों ने नफरत फैलाने वाले अभियान चलाए थे। इस पर नॉर्थ अमेरिका के हिंदुओं के संगठन ने बयान जारी कर उषा वेंस के खिलाफ इस्तेमाल की गई ‘हिंदू-विरोधी’ भाषा की निंदा की थी