Eye care: जब आंखों में धुआं-सा उठे… सावधान हो जाइए!

धुंधलापन

आंखों में जलन, धुंधलापन या धुआं-सा दिखना कभी-कभी मामूली लग सकता है, लेकिन यह कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है।

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आंखों में दिखें लक्षण तो..

अगर आंखों में पांचों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत आंखों को साफ पानी से धो दें. अपनी समझ से कोई भी आई ड्रॉप खरीदकर आंखों में न डालें, स्‍टेरॉइड आई ड्रॉप तो भूलकर भी आंखों में न डालें. आंखों की एक्‍सरसाइज करें. आंखों में दिक्‍कत होने पर डॉक्‍टर से कंसल्‍ट जरूर करें और फिर दवा लें. आंखों को लेकर कोई भी ढील न दें, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं.

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1. आंखों में जलन और धुंधलापन – क्या है कारण?

सूखी आंखें (Dry Eyes)

  • लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंसुओं की मात्रा कम हो जाती है।
  • आंखों में जलन, चुभन और धुंधलापन महसूस होता है।

एलर्जी (Allergic Conjunctivitis)

  • धूल, धुएं, परागकण आदि से एलर्जी हो सकती है।
  • आंखें लाल होना, पानी आना, और जलन सामान्य लक्षण हैं।

2. न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत?

माइग्रेन विथ ऑरा

  • धुंधलापन या आंखों के सामने चमकती रोशनी।
  • आंखों के लक्षणों के साथ सिर दर्द भी हो सकता है।

ऑप्टिक न्यूराइटिस

  • आंख की नस में सूजन।
  • रंग फीके दिखना और आंखों में तेज़ दर्द हो सकता है।

3. संक्रमण से भी हो सकता है धुआं-धुआं

वायरल या बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस

  • आंखों में चिपचिपाहट और धुंधलापन।
  • साथ में बुखार या गले में दर्द हो सकता है।

यूवाइटिस (Uveitis)

4. कब दिखाएं डॉक्टर को?

  • आंखों में लगातार जलन या दर्द हो।
  • चीज़ें धुंधली दिखें या रोशनी से चुभन हो।
  • आंखें लाल हों और चिपचिपी रहें।
  • सिरदर्द के साथ आंखों में समस्या हो।

सावधानी और इलाज

  • नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं।
  • स्क्रीन टाइम को सीमित करें और हर 20 मिनट में ब्रेक लें।
  • एलर्जी से बचने के लिए घर और कार्यस्थल की सफाई रखें।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए आई ड्रॉप्स या दवाएं समय पर लें।

आंखों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा
प्रदूषण का सबसे खराब असर आंखों पर देखने को मिल रहा है. इसके संपर्क में 5 मिनट भी आने से आंखों में बीमारियां पैदा हो रही हैं. आंखें लाल होना, पानी आना, खुजली और सूजन आने की ये 5 समस्याएं बढ़ रही हैं तो मान लें कि यह प्रदूषण की वजह से है. पिछले दो हफ्ते से देखा जा रहा है कि आम दिनों के मुकाबले अब दोगुनी संख्‍या में मरीज आंखों की इन समस्‍याओं को लेकर अस्‍पताल आ रहे हैं. हालांकि इलाज से पहले लोगों को ध्‍यान रखना है कि घर से बाहर जाने से पहले सनग्लासेस का उपयोग करें और बाहर से आने के बाद आंखों को ठंडे पानी से धोएं ताकि हानिकारक कणों को हटाया जा सके।

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