काबुल। अफगानिस्तान (Afganistan) के कुनार और नंगरहर प्रांतों में रविवार रात 1 सितंबर को आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। रात को तेज झटके से लोग घरों के मलबे में दबे रह गए। पहाड़ों से पत्थर टूटकर गिरे और मिट्टी-पत्थर के बने हजारों घर तबाह हो गए। इसके बाद एक बार फिर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। अब सवाल यह है कि आखिर भूकंप से इस कदर तबाही क्यों हुई और इसके क्या कारण रहे होंगे?
मौत और तबाही का आंकड़ा
जानकारी अनुसार संयुक्त राष्ट्र (UNO) ने प्रथमदृष्टा 800 मौतों का अनुमान लगाया है, जबकि तालिबान सरकार का कहना है कि अब तक कम से कम 1400 लोग मारे गए और 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। करीब 1000 से अधिक घर पूरी तरह ढह गए, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए। भूकंप आने और उससे हुए जान-माल का आंकलन हो पाता उससे पहले बुधवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए जाने संबंधी खबर सामने आ गई।
कहर बरपाने वाला क्यों साबित हुआ भूकंप
भूकंप का केंद्र नंगरहर प्रांत के कुज कुनार जिला, जलालाबाद से 27 किमी दूर था। इसकी गहराई सिर्फ 8 किलोमीटर रही, जिससे ऊर्जा सतह तक तेजी से पहुंची। रात में लोगों के सोते समय झटके आने और 17 से ज्यादा आफ्टरशॉक (4.5–5.2 तीव्रता के) ने हालात और बिगाड़ दिए। इसके झटके काबुल और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक महसूस हुए।
तबाही का मंजर
कुनार के चॉकी, नुर्गल, सोकी, वाटपुर, मनोगी और चपादारे जिलों में गांवों के गांव उजड़ गए। वादिर, शोमाश और मसूद जैसे गांवों में 90 प्रतिशत लोग या तो मारे गए या घायल। तबाही के लिए एक कारण यह भी रहा कि भूस्खलन और टूटे पत्थरों ने सड़कों को बंद कर दिया, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। कई परिवार पूरे-के-पूरा उजड़ गए।
राहत और बचाव अभियान
तालिबान सरकार ने 40 हेलीकॉप्टर उड़ानें चलाईं, 420 घायलों को जलालाबाद और असदाबाद अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 डॉक्टर और 800 किलो दवाएं भेजीं। भारत ने 1000 टेंट और 15 टन भोजन भेजा, चीन और ईरान ने भी मदद का ऐलान किया। रेड क्रॉस, संयुक्त राष्ट्र और कई वॉलंटियर्स मौके पर पहुंच चुके हैं। पहाड़ी इलाके, टूटी सड़कें और खराब मौसम राहत कार्य में बाधा डाल रहे हैं। हजारों लोग बेघर हैं, टेंट और खाने की सख्त जरूरत है। महिलाओं और बच्चों पर सबसे ज्यादा असर, महामारी का खतरा भी बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में बसा है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की टक्कर से बार-बार भूकंप आते हैं। 2023 में भी इसी तरह का भूकंप हजारों लोगों की जान ले चुका था। विशेषज्ञ मानते हैं कि मजबूत घर, चेतावनी प्रणाली और बेहतर आपदा प्रबंधन ही भविष्य में जानें बचा सकते हैं।
भूकंप किसे कहते हैं?
भूकंप, भूपटल में टैक्टोनिक प्लेटों के अचानक खिसकने या टूटने से निकलने वाली ऊर्जा के कारण होने वाला तीव्र कंपन है, जो पृथ्वी की सतह को हिलाता है. यह स्थलमंडल में तनाव के जमा होने की प्रतिक्रिया में होता है. पृथ्वी की आंतरिक ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में फैलती है, जिससे जमीन हिलती है और वस्तुएं धक्का खाती हैं.
भूकंप के जनक कौन हैं?
जॉन मिल्ने को आधुनिक भूकंप विज्ञान का जनक माना जाता है क्योंकि 19वीं सदी के उत्तरार्ध में इस क्षेत्र की नींव एक गंभीर विज्ञान के रूप में स्थापित करने में उनकी अग्रणी भूमिका रही।
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