हरदोई: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई जिले के शाहाबाद (Shahbad) कोतवाली में हाल ही में एक युवक की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध मौत के बाद माहौल को शांत करने के लिए एक अनोखा कदम उठाया गया। सोमवार रात को कोतवाली परिसर में सुंदरकांड का पाठ आयोजित किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य पुलिस थाने पर मंडराते “शनि के साये” को दूर करना और ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव से उत्पन्न संकट को कम करना बताया जा रहा है।
यूपी के हरदोइ के शाहाबाद में में पुलिस कर्मियों का एक कारनामा शोसल मीडिया में वायरल हो रहा है जहां पुलिस कर्मी थाने सुन्दर काण्ड करते नज़र आ रहें है। पुलिस कर्मी अपनी कारस्तानी छिपाने की ना जाने कितनी कोशिश करते देखे जा सकते हैं। थाने में युवक की मौत के बाद परिजनों से की गयी अभद्रता खूब सुर्ख़ियों में रहा। इस बीच एसपी ने थाने के कुछ पोलिस कर्मियों पर कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया और मुकदमा भी पंजीकृत हुआ हैं।
दरअसल भाजपा नेता गौरी पांडेय हत्याकांड में परिजनों से अभद्रता करने के आरोप में प्रभारी निरीक्षक उमेश त्रिपाठी को निलंबित किया गया था. जिसके बाद चार्ज संभालने वाले प्रभारी निरीक्षक (क्राइम) शिव गोपाल यादव के कार्यकाल में ही पुलिस अभिरक्षा में आरोपी युवक की मौत हो गई थी.
माहौल शांत करने की कोशिश थी
कई पुलिसकर्मियों का मानना है कि हाल के विवादों के बाद थाने का माहौल अशांत हो गया था, जिसे सुधारने के लिए यह धार्मिक आयोजन किया गया। घटना की शुरुआत रविवार रात को हुई, जब शाहाबाद कोतवाली में एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। मृतक पर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप था।
थाने युवक के मौत के बाद बदला था माहौल
इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस और लड़की के परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। परिजनों की तहरीर पर पुलिसकर्मियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया, जिसके बाद हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने दो प्रभारी निरीक्षकों और एक उप-निरीक्षक को निलंबित कर दिया। साथ ही, पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल किए गए। स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच चर्चा थी कि कोतवाली पर एक के बाद एक विवादों ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था।
“शनि का प्रकोप”
कुछ पुलिसकर्मियों ने इसे “शनि का प्रकोप” करार दिया और सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। इस आयोजन में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि थाने के परिसर में भक्ति भरे माहौल में सुंदरकांड का पाठ हो रहा है, और लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस घटना पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे पुलिस द्वारा माहौल को शांत करने की सकारात्मक कोशिश माना, वहीं कुछ ने इसे अनुचित ठहराते हुए कहा कि पुलिस को धार्मिक आयोजनों के बजाय अपनी कार्यप्रणाली सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
सोशल मीडिया पर भी इस आयोजन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स ने इसे आस्था का प्रतीक बताया, तो कुछ ने इसे पुलिस की जवाबदेही से बचने की कोशिश करार दिया। हरदोई के पुलिस अधीक्षक ने इस आयोजन पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह कदम पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने और स्थानीय समुदाय के साथ संबंध सुधारने की दिशा में उठाया गया है। यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के किसी पुलिस थाने में धार्मिक आयोजन हुआ हो, लेकिन इस तरह की घटना ने एक बार फिर पुलिस कार्यप्रणाली और सामाजिक धारणाओं पर सवाल खड़े किए हैं।
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