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Tariff: ट्रंप का 50% टैरिफ भी क्यों नहीं रोक पाएगा भारत की ग्रोथ?

Vinay
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Tariff: ट्रंप का 50% टैरिफ भी क्यों नहीं रोक पाएगा भारत की ग्रोथ?

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारतीय आयात पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यह बात अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने कही है। S&P के डायरेक्टर यीफार्न फुआ ने कहा कि भारत एक ट्रेड-ओरिएंटेड इकोनॉमी नहीं है, और अमेरिका को निर्यात उसके जीडीपी का मात्र 2 प्रतिशत है

इसलिए, इस टैरिफ से भारत की विकास दर पर कोई बड़ा झटका नहीं लगेगा। S&P ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, और सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को पॉजिटिव बताया है।

25+25 का टैरिफ अब तक

ट्रंप ने 6 अगस्त 2025 को भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जो मौजूदा 25 प्रतिशत टैरिफ के साथ मिलकर कुल 50 प्रतिशत हो जाएगा। यह अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने के जवाब में लगाया गया है, और यह 27 अगस्त से लागू होगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह कदम रूस की युद्ध मशीन को कमजोर करने के लिए है। हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख सेक्टरों को इस टैरिफ से छूट दी गई है, जो भारत के अमेरिका निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर निर्भर

S&P के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू मांग पर निर्भर है, न कि निर्यात पर। पिछले साल भारत का अमेरिका को निर्यात 87 अरब डॉलर का था, लेकिन यह कुल जीडीपी का छोटा हिस्सा है। फुआ ने एक वेबिनार में कहा, “लंबी अवधि में यह टैरिफ भारत की इकोनॉमी पर बड़ा असर नहीं डालेगा। ‘चाइना प्लस वन’ स्ट्रैटजी के तहत कंपनियां भारत में घरेलू बाजार के लिए निवेश कर रही हैं, न कि सिर्फ निर्यात के लिए।” उन्होंने जोर दिया कि भारत की विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था और मजबूत घरेलू खपत इसे झटकों से बचाती है।

कुछ सेक्टरों पर पड़ सकता असर

कुछ सेक्टरों पर असर पड़ सकता है, जैसे टेक्सटाइल्स, जेम्स एंड ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स और सीफूड, जहां अमेरिका बड़ा बाजार है। इन सेक्टरों में निर्यात 7-10 अरब डॉलर का है, और 50 प्रतिशत टैरिफ से प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इससे जीडीपी पर 0.2-0.4 प्रतिशत का असर पड़ सकता है, लेकिन सरकार पीएलआई स्कीम्स, निर्यात प्रमोशन और नए बाजारों (जैसे यूरोप, अफ्रीका) की तलाश से इसे संभाल सकती है। मूडीज और अन्य एजेंसियां भी कह रही हैं कि भारत की विकास गति बरकरार रहेगी।

ट्रंप की नीति ने वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ाया है, लेकिन भारत ने इसे अनुचित बताते हुए अपनी ऊर्जा सुरक्षा का हवाला दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि 21 दिनों की विंडो में वार्ता से टैरिफ कम हो सकता है। भारत रूस से तेल खरीद जारी रखेगा, क्योंकि यह बाजार आधारित है। कुल मिलाकर, S&P की रिपोर्ट से साफ है कि ट्रंप का टैरिफ भारत की ग्रोथ को नहीं रोक सकता। भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और विविध निर्यात इसे मजबूत बनाते हैं।

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