IAF चीफ क्यों निराश : ‘समय पर पूरे नहीं होते डिफेंस प्रोजेक्ट’

By Surekha Bhosle | Updated: May 30, 2025 • 8:55 PM

कौन से प्रोजेक्ट अटके; इनमें देरी की क्या वजह?

रक्षा परियोजनाओं में IAF चीफ देरी का मुद्दा क्या है? कौन सी रक्षा परियोजनाएं वर्षों की देरी का सामना कर रही हैं? कौन से अफसर इससे पहले रक्षा परियोजनाओं में देरी का मुद्दा उठा चुके हैं?  सरकारों ने इसे लेकर क्या कदम उठाए हैं? आइये जानते हैं.

भारत में बने हथियारों की दुनियाभर में हो रही चर्चा के बीच, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह इनके निर्माण में होने वाली देरी का मुद्दा उठाया है।  बीते चार महीने में यह दूसरा मौका है जब वायु सेना प्रमुख रक्षा परियोजनाओं में हो रही देरी को लेकर मुखर हुए हैं। इससे पहले मौजूदा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भी बीते साल सितंबर में कुछ ऐसा ही कहा था। उन्होंने कहा था कि भारत की रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया इतनी धीमी है कि सशस्त्र बल जिस दर से तकनीक को अपनाना चाहते हैं, उसमें काफी मुश्किल आती है। 

रक्षा परियोजनाओं में कितनी देरी?
भारत में IAF चीफ रक्षा परियोजनाओं में देरी की शिकायतें कोई नई नहीं हैं। 2014 में रक्षा मंत्रालय IAF चीफ ने एक सूची जारी की थी, जिसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के उन प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी गई थी जिनमें लंबी देरी हो चुकी थी।  इनमें से  परियोजनाएं अभी भी पूरे नहीं हुई हैं। इनमें देश के पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस से लेकर एयरो इंजन कावेरी तक के नाम शामिल हैं।

कौन सी परियोजना कितनी देरी से चल रही है?

1. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके1 और एमके2
इस प्रोजेक्ट को 1983 में मंजूरी मिली। 1994 में बनने की डेडलाइन रखी गई। कई प्रतिबंधों और आपूर्तियों में दिक्कत के चलते यह प्रोजेक्ट लगातार टल रहा है। 

तेजस प्रोजेक्ट में देरी की वजह क्या?

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