Baidyanath Dham क्यों है सावन में लाखों शिव भक्तों की पहली पसंद?

By Surekha Bhosle | Updated: June 26, 2025 • 7:29 PM

Baidyanath Dham in Sawan : जैसे ही सावन (Sawan) का महीना शुरू होता है, शिवभक्तों की निगाहें एक ही दिशा में टिक जाती हैं. वो जगह है बाबा बैद्यनाथ धाम . झारखंड के देवघर स्थित यह ज्योतिर्लिंग हर साल सावन में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बनता है. ये दिव्य स्थान शिव भक्तों के लिए क्यों है इतना खास जानते हैं।

पौराणिक महत्व और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक

बैद्यनाथ Baidyanath धाम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसका पौराणिक महत्व है. यह भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि लंकापति रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपनी तपस्या के बाद उनके आत्मलिंग को कैलाश से लंका ले जाने का प्रयास किया था।

भगवान शिव ने रावण को यह आत्मलिंग इस शर्त पर दिया था कि वह इसे रास्ते में कहीं भी ज़मीन पर नहीं रखेगा. परंतु, देवताओं के निवेदन पर भगवान विष्णु ने अपनी माया से रावण को लघुशंका करने के लिए विवश किया और रावण ने आत्मलिंग को एक ग्वाले को पकड़ने के लिए दिया।

वह ग्वाला कोई और नहीं भगवान शिव के रूप में भगवान विष्णु ही थे, जिन्होंने आत्मलिंग को धरती पर रख दिया, जिसे रावण उठा नहीं पाया. यही स्थान आज बैद्यनाथ धाम के नाम से जाना जाता है. यह कथा भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र है और उन्हें यहां आने के लिए प्रेरित करती है।

असीम शांति और अलौकिक ऊर्जा

बैद्यनाथ Baidyanath धाम परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को एक असीम शांति और अलौकिक ऊर्जा का अनुभव होता है. मंदिर की प्राचीन वास्तुकला, घंटियों की ध्वनि, मंत्रोच्चार और हजारों भक्तों के “बोल बम” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठता है. यहाँ आकर भक्त अपनी सभी चिंताओं को भूलकर केवल भगवान शिव की आराधना में लीन हो जाते हैं. सावन के महीने में, जब हरे रंग के कांवरियों से पूरा परिसर पटा होता है, तो यह दृश्य अपने आप में मनमोहक होता है और भक्तों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।

मनोकामनाओं की पूर्ति का विश्वास

बैद्यनाथ धाम को “मनोकामना लिंग” भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां श्रद्धापूर्वक भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भक्त अपनी विभिन्न इच्छाओं को लेकर यहां आते हैं. चाहे वह स्वास्थ्य हो, धन हो, परिवारिक सुख हो या मोक्ष की कामना हो. यह अटूट विश्वास लाखों भक्तों को हर साल बैद्यनाथ धाम की ओर खींच लाता है।

बैद्यनाथ धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि लाखों शिव भक्तों की आस्था, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है. सावन के महीने में यहां का दृश्य, कांवड़ यात्रा की परंपरा, पौराणिक महत्व और मनोकामनाओं की पूर्ति का विश्वास इसे शिव भक्तों के लिए एक अनिवार्य तीर्थस्थल बनाता है. देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम वास्तव में एक ऐसा स्थान है जहां आकर भक्त न केवल भगवान शिव के करीब आते हैं, बल्कि एक ऐसी आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव करते हैं जो उनके जीवन को सार्थक बना देती है।

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