किसानों ने वन विभाग से मदद मांगी
आदिलाबाद। आदिलाबाद (Adilabad) जिले के कुछ हिस्सों में किसानों ने जंगली सूअरों द्वारा फसलों को हो रहे बढ़ते नुकसान पर चिंता जताई है। नारनूर और गाडीगुडा मंडलों के किसानों ने बताया कि जंगली सूअर कपास, लाल चना, मूंग, मक्का, सोया और धान सहित खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे हैं, जिससे नुकसान बढ़ रहा है। रात भर जागने और दिन में निगरानी रखने के बावजूद, वे अपने खेतों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने कहा कि यह समस्या अब बेकाबू हो गई है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अपनी फसलों की सुरक्षा कैसे करें। उन्होंने वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों से सूअरों को खत्म करने और उन्हें राहत पहुँचाने के लिए एक पेशेवर शूटर तैनात करने का आग्रह किया।

जंगली सूअर कितना खतरनाक है?
यह जानवर स्वभाव से आक्रामक होता है, खासकर जब घायल हो या बच्चों की सुरक्षा में हो। तेज दाँत, भारी शरीर और अचानक हमला करने की प्रवृत्ति के कारण यह इंसानों और खेतों के लिए खतरनाक माना जाता है। जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में इससे घायल होने की घटनाएँ होती रहती हैं।
जंगली सूअर और देसी सूअर में क्या अंतर है?
वन्य क्षेत्रों में रहने वाला, मजबूत जबड़े और मोटी खाल वाला जानवर जंगली सूअर कहलाता है, जबकि देसी सूअर पालित जाति का होता है, जो मुख्यतः मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। आकार, रंग, व्यवहार और खान-पान दोनों में काफी अंतर होता है।
जंगली सूअर की आयु कितनी होती है?
प्राकृतिक स्थिति में इसकी औसत उम्र लगभग 10 से 14 वर्ष होती है, जबकि बंदी या सुरक्षित स्थिति में यह 20 वर्ष तक जीवित रह सकता है। जीवनकाल भोजन, वातावरण और शिकारी जानवरों की उपस्थिति पर भी निर्भर करता है।
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