Working Hour: हम 90 घंटे काम करने की सोच रहे हैं, जापान 4 दिन में निपटा रहा है!

By digital@vaartha.com | Updated: April 15, 2025 • 11:38 AM

भारत में सप्ताह में 70 और 90 घंटे काम करने की वकालत हो रही है। लेकिन जापान में एक सप्ताह में चार दिन ही काम करने का नियम शुरू हो गया है। इससे लोगों को अपने परिवार के साथ ज़्यादा समय बिताने और काम और जीवन को संतुलित करने में मदद मिलेगी। वैसे, दुनिया भर में अलग-अलग देशों में काम करने के अलग-अलग नियम हैं। कुछ देशों में लोग कम घंटे काम करते हैं, तो कुछ देशों में ज़्यादा।

नई दिल्ली: भारत में फिलहाल एक दिन में आठ घंटे काम करने का नियम है। इसे बढ़ा कर सप्ताह में 70 और 90 घंटे तक करने की बहस चल रही है। इस पर समाज में तीव्र प्रतिक्रिया भी हुई है कि जब दफ्तर में ही इतना समय देंगे तो घर-परिवार का क्या होगा। इस बीच जापान ने इस बारे में एक क्रांतिकारी फैसला किया है। जापान में अब ज़्यादातर लोग हफ़्ते में सिर्फ चार दिन काम करेंगे। टोक्यो शहर की सरकार (Tokyo Metropolitan Government) ने यह नया नियम शुरू किया है। इसका मकसद है कि कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों और परिवार का अच्छे से ध्यान रख सकें।

नौकरी या परिवार में एक ना चुनना पड़े

इंडिया टुडे ऑनलाइन की एक रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके (Yuriko Koike) का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि महिलाओं को परिवार और नौकरी में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े। उन्होंने टोक्यो मेट्रोपॉलिटन असेंबली को बताया, “हम एक ऐसा समाज बनाना चाहते हैं जहां बच्चे पैदा करने जैसी घटनाओं से महिलाओं के करियर पर कोई असर न पड़े।” इसका मतलब है कि बच्चे होने के बाद भी महिलाएं आराम से नौकरी कर सकें।

संतुलन का नया तरीका

जापान ने अपने लोगों के लिए काम और जीवन को संतुलित करने का एक तरीका निकाला है। लेकिन, भारत में कुछ लोग चाहते हैं कि काम के घंटे बढ़ा दिए जाएं। कुछ लोगों का कहना है कि भारतीयों को एक हफ्ते में 90 घंटे तक काम करना चाहिए।

L&T के चेयरमैन का यह है विचार

L&T के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यन ने हाल ही में कहा था कि भारतीयों को 90 घंटे काम करना चाहिए। इससे पहले, इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने भी कहा था कि युवा पेशेवरों को देश के विकास के लिए 70 घंटे काम करना चाहिए।

बच्चे कम पैदा हो रहे

जापान में लोगों की घटती आबादी एक बड़ी समस्या है। वहां बच्चे कम पैदा हो रहे हैं। एक महिला के औसतन 1.2 बच्चे होते हैं, जबकि आबादी को स्थिर रखने के लिए यह संख्या 2.1 होनी चाहिए। इसका मतलब है कि जापान में बच्चे पैदा करने की दर बहुत कम है। जनवरी से जून 2024 तक, जापान में सिर्फ 3,50,074 बच्चे पैदा हुए। ये पिछले साल के मुकाबले 5.7% कम है।

आबादी बूढ़ी हो रही है

जापान में काम करने वाले लोगों की कमी हो गई है। रिसर्च से पता चला है कि काम के घंटे कम करने से घर के काम का बोझ कम होता है। इससे पुरुषों को घर के काम और बच्चों की देखभाल में मदद करने का मौका मिलता है। एक रिसर्च में पाया गया कि जो पुरुष हफ्ते में चार दिन काम करते हैं, वे अपने बच्चों के साथ 22% ज़्यादा समय बिताते हैं और घर के कामों में 23% ज़्यादा मदद करते हैं।

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