Telangana : आदिलाबाद में मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस

By Ankit Jaiswal | Updated: August 10, 2025 • 12:03 AM

प्रतिमाओं पर मार्ल्यापण कर दी गई श्रद्धांजलि

आदिलाबाद : विश्व आदिवासी दिवस शनिवार को पूर्ववर्ती आदिलाबाद (Adilabad) ज़िले में भव्य तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर रैलियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। ज़िला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों ने इन कार्यक्रमों में भाग लिया। कलेक्टर राजर्षि शाह ने पुलिस अधीक्षक अखिल महाजन के साथ आदिलाबाद कस्बे के बस स्टैंड चौराहे पर आदिवासी महापुरुषों कुमराम भीम (Kumram Bheem) और रामजी गोंड की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आदिवासियों से अपनी विशिष्ट परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित रखने और भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का आग्रह किया

आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए हैं प्रयासरत

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत है। बाद में, शाह, आईटीडीए उत्नूर परियोजना अधिकारी खुशबू गुप्ता और अखिल महाजन के साथ, उत्नूर मंडल मुख्यालय में आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल हुए। गुप्ता ने अधिकारियों से आदिवासियों के समग्र विकास के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया और आदिवासी समुदायों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं का पूरा लाभ उठाने की सलाह दी। उत्नूर की एएसपी काजल सिंह भी इसमें शामिल हुईं।

आदिवासी बस्तियों तक सड़क और पुल संपर्क बढ़ाने का किया वादा

आसिफाबाद विधायक कोवा लक्ष्मी ने आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया और आसिफाबाद क्षेत्र में आदिवासी बस्तियों तक सड़क और पुल संपर्क बढ़ाने का वादा किया। आदिवासी कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुलिस अधीक्षक कांतिलाल पाटिल भी मौजूद थे। मंचेरियल जिले में, समारोह के तहत आईबी चौक से हरिता समारोह हॉल तक एक विशाल रैली निकाली गई। कलेक्टर कुमार दीपक ने कुमराम भीम और रामजी गोंड को श्रद्धांजलि अर्पित की। निर्मल जिले में, कलेक्टर अभिलाषा अभिनव और पुलिस अधीक्षक डॉ. जानकी शर्मिला ने जिला मुख्यालय पर आयोजित समारोह में भाग लिया।

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है?

संयुक्त राष्ट्र ने 1994 में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था, ताकि दुनिया भर के आदिवासी समुदायों के अधिकार, संस्कृति और पहचान को सम्मान और संरक्षण मिल सके। इस दिन आदिवासी समाज की समस्याओं और उनके योगदान पर विशेष चर्चा होती है।

विश्व आदिवासी दिवस का क्या अर्थ है?

यह दिवस विश्वभर के मूलनिवासी या आदिवासी समुदायों के अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य इन समुदायों की परंपराओं, भाषाओं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

9 अगस्त स्वदेशी दिवस क्या है?

यह दिन स्वदेशी और आदिवासी समुदायों के सम्मान तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त यह दिवस वैश्विक स्तर पर उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को सुरक्षित रखने के संकल्प का प्रतीक है।

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