WPI Inflation मई में गिरी, थोक महंगाई 0.39% पर पहुंची थोक महंगाई में बड़ी गिरावट, मई का आंकड़ा चौंकाने वाला
देश की थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (WPI Inflation) मई 2025 में घटकर 0.39% पर आ गई है। यह गिरावट विशेषज्ञों और नीतिनिर्माताओं के लिए राहत की खबर है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में महंगाई लगातार चिंता का कारण बनी हुई थी।
WPI Inflation में गिरावट क्यों आई?
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी
- ईंधन और बिजली की दरों में स्थिरता
- कृषि और औद्योगिक उत्पादों के दामों में संतुलन
इन प्रमुख कारणों से WPI Inflation में मई के महीने में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।

पिछले महीनों से तुलना
- अप्रैल 2025 में WPI Inflation 1.26% रही थी
- मार्च में यह दर 0.85% थी
- लगातार तीसरे महीने इसमें गिरावट दर्ज हुई है
किन सेक्टर्स में दिखा असर?
- खाद्य पदार्थ: सब्जियां, अनाज, दालें और तेल के दामों में कमी
- ईंधन: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में स्थिरता
- निर्माण सामग्री: सीमेंट, स्टील, और अन्य उत्पादों के दाम स्थिर रहे

आर्थिक दृष्टिकोण से क्या है मायने?
- महंगाई में कमी से रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को ब्याज दरों को लेकर निर्णय में राहत मिल सकती है
- औद्योगिक उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है
- उपभोक्ताओं की जेब पर भार कम होने की संभावना
क्या आगे भी जारी रहेगी गिरावट?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मानसून सामान्य रहता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी रहती हैं, तो आने वाले महीनों में भी WPI Inflation में स्थिरता या गिरावट बनी रह सकती है।
WPI Inflation का 0.39% पर आना आर्थिक रूप से एक सकारात्मक संकेत है। सरकार और उद्योग जगत को इससे राहत मिली है, और आम उपभोक्ता को भी इससे कीमतों में थोड़ी स्थिरता का फायदा मिल सकता है।