जम्मू । यासीन मलिका जिसे कोई अलगाववादी नेता कहता तो कोई जेकेएलएफ का पूर्व प्रमुख और हुर्रियत नेता के तौर देखता है। ये वही शख्स है जिस पर 35 साल पहले कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्ट के अपहरण और हत्या का आरोप लगा। इसी मामले में एक बार फिर यासीन मलिक (Yasin Malik) की और अधिक मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले की नई सिरे एसआईए को जांच करने के आदेश दिए गए हैं। इसी के चलते जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) में सुबह-सुबह यासीन मलिक के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हुआ है।
फिलहाल यासीन मलिक कई आतंकी मामलों में जेल में बंद है
राज्य की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) ने मंगलवार को श्रीनगर में 8 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 1990 में कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्ट के अपहरण और हत्या मामले से जुड़ी है। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी जिन स्थानों पर हुई, उनमें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व प्रमुख और हुर्रियत नेता यासीन मलिक का आवास भी शामिल है। फिलहाल यासीन मलिक कई आतंकी मामलों में जेल में बंद है।
सरला भट्ट का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी
गौरतलब है कि अप्रैल 1990 में कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्ट का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। वह सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अपने हॉस्टल से लापता हो गई थी। बाद में उसकी लाश मिली थी। यह घटना कश्मीर में उग्रवाद के चरम के दौरान हुई थी। मामले में नए सुराग मिलने के बाद एसआईए ने कार्रवाई तेज कर दी है और अधिकारियों के अनुसार आगे भी छापेमारी जारी रह सकती है।
क्या यासीन मलिक आतंकवादी हैं?
मई 2022 में, मलिक ने आपराधिक साजिश और राज्य के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियो के आरोप में दोषी ठहराया, और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
यासीन मलिक पर क्या आरोप हैं?
मलिक ने 1994 में हिंसा का त्याग कर दिया और कश्मीर समस्या के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीके अपनाए। मई 2022 में, मलिक ने आपराधिक साजिश और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों में दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
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