Up : योगी सरकार का बड़ा तोहफा: किसानों को सस्ते दरों पर मिलेगा ऋण

By Anuj Kumar | Updated: May 20, 2025 • 10:42 AM

उत्तर प्रदेश में छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव मांगा है।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाना, उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के समक्ष योजना की प्रारंभिक रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसके बाद उन्होंने कृषि विभाग से इसका प्रस्ताव तैयार करने और नाबार्ड तथा सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

किसानों के लिए ऋण की प्रक्रिया सरल बनाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, उनकी शाखाओं के आधुनिकीकरण करने और किसानों के लिए ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया। उन्होंने सहकारी संस्थाओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए।

500-1000 टन क्षमता वाले गोदामों का होगा निर्माण

भंडारण क्षमता में वृद्धि पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 500-1000 टन क्षमता वाले गोदामों के निर्माण का निर्देश दिया है और इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त नीति बनाने को कहा है। इसके साथ ही, उन्होंने पीसीएफ (PCF) की कार्यप्रणाली में सुधार और राइस मिलर्स को तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि एआईएफ योजना के तहत 375 नए गोदामों का निर्माण करके 37,500 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता विकसित की गई है, और वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदाम बनाने का प्रस्ताव है। यह योजना उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक नई सुबह लाने की उम्मीद है।

मेरठ के लिए 15,000 करोड़ की विकास परियोजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान’ की भी समीक्षा की। उन्होंने शहर को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करने और इसके बेहतर विकास पर जोर दिया। बैठक में बताया गया कि शहर के विकास पर कुल 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसके तहत 93 परियोजनाएं चलाई जाएंगी। इनमें से छह परियोजनाओं पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखकर ही विकास कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज के औद्योगिक विकास तक एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, और इसका खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थान तथा एनसीआर से निकटता इसे एक विशेष पहचान देती है।

सहकारी क्षेत्र में भर्तियों पर जोर

मुख्यमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग और गैर-बैंकिंग पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आईबीपीएस (IBPS) से चयन प्रक्रिया को तेज करने को कहा है, ताकि इन रिक्तियों को शीघ्रता से भरा जा सके। उन्हें यह भी बताया गया कि एम-पैक्स (M-PACS) समितियों को पीडीएस (PDS), जन औषधि, सीएससी (CSC), पीएम किसान सम्मान केंद्र और एमएसपी (MSP) जैसी विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ा गया है, जिससे उनकी भूमिका और बढ़ गई है।

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