गुवाहाटी । असम में संदिग्धों को राज्य सरकार ने एक और मौका देने का फैसला किया है। इसके तहत 10 दिन का समय दिया गया है जिसमें उन्हें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी हिमंत विस्वा (Himant Vishwa) सरमा सरकार ने प्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 के तहत विदेशी नागरिकों को निष्कासित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंजूरी दी है। इसके अनुसार जिला आयुक्त संदिग्धों को 10 दिन का नोटिस देंगे और समय सीमा के बाद नागरिकता पर निर्णय लेने का अधिकार रखेंगे।
कैबिनेट का बयान
मुख्यमंत्री सरमा (CM Sarma) ने बताया कि नया एसओपी राज्य सरकार को मौजूदा नागरिकता निर्धारण प्रक्रिया को दरकिनार करने और ज़िला आयुक्तों को संदिग्ध विदेशियों को 10 दिन की मोहलत देने में सक्षम बनाएगा। यदि वे इसे साबित करने में असफल रहते हैं तो उपायुक्त उनके खिलाफ निकासी आदेश जारी करेंगे।
विदेशी न्यायाधिकरणों की भूमिका प्रभावित
सरमा ने कहा कि नए एसओपी के तहत विदेशी न्यायाधिकरणों की भूमिका काफी हद तक निष्प्रभावी हो जाएगी। अब संदिग्ध विदेशी मामलों का निर्णय जिला उपायुक्त करेंगे।
नोटिस और निकासी प्रक्रिया
एसओपी के अनुसार, यदि उपायुक्त को किसी व्यक्ति के विदेशी होने की सूचना मिलती है, तो उसे 10 दिनों के भीतर अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस दिया जाएगा। यदि दस्तावेज संतोषजनक नहीं होते हैं, तो दसवें दिन निकासी आदेश जारी कर दिया जाएगा।
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