यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह गुरुवार को तुर्किये (तुर्की) में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधी वार्ता के लिए मुस्तैद हैं। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से अधिक का वक्त हो चुका है और पहली बार किसी ठोस शांति वार्ता की उम्मीद जताई जा रही है।
जेलेंस्की ने पुतिन को दिया सीधा न्योता
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“हत्याओं को लंबा खींचने का कोई मतलब नहीं है। मैं गुरुवार को इस्तांबुल में पुतिन का व्यक्तिगत रूप से प्रतीक्षा करूंगा।”
उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि इस बार रूस कोई बहाना नहीं बनाएगा और युद्धविराम की दिशा में गंभीर कदम उठाएगा।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए शांति वार्ता की संभावनाएं
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को 15 मई को वार्ता के लिए निमंत्रित किया है। जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक कदम बताया है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वार्ता से पहले पूर्ण युद्धविराम आवश्यक है।

अमेरिका की भूमिका भी अहम
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जेलेंस्की से निवेदन की थी कि वे सीधे वार्ता के लिए राजी हों, ताकि युद्ध को समाप्त करने की दिशा में ठोस पहल की जा सके।
तुर्किये ने की मेजबानी की पेशकश
तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोगन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर वार्तालाप की और कहा कि तुर्किये शांति वार्ता की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। अर्दोगन पहले भी कई बार मध्यस्थता की भूमिका निभा चुके हैं।
क्या अब थमेगा रूस-यूक्रेन युद्ध?
तीन साल से चल रहा यह युद्ध हजारों जानें ले चुका है और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। अब जबकि दोनों देशों के नेता सीधे आमने-सामने बैठने को मुस्तैद हैं, तो यह एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है।
यदि गुरुवार को इस्तांबुल में वार्ता होती है और युद्धविराम की एलान होती है, तो यह न सिर्फ यूक्रेन और रूस के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए राहत की जानकारी होगी।