गुवाहाटी में उमड़ा जनसैलाब, बनेगा स्मारक
असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग(Zubin Garg) को रविवार को गुवाहाटी(Guwahati) के सरुसजाई स्थित अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स परिसर में हजारों फैंस ने अंतिम विदाई दी। भीषण गर्मी के बावजूद लोग दूर-दूर से पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि दी। असम सरकार के मंत्री रनोज पेगू(Ranoj Pegu) ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए स्थान की तलाश जारी है और वहीं स्मारक भी बनाया जाएगा। हालांकि अंतिम निर्णय परिवार का होगा।
फैंस की भावनाएं और प्रशासन की तैयारी
जुबिन गर्ग(Zubin Garg) की मौत शुक्रवार को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई थी। उनके निधन की खबर के बाद से ही लोग लगातार आयोजन स्थल पर जुटने लगे। कई फैंस पूरी रात उनके गाने गाकर यादें ताजा करते रहे और सुबह तक हजारों की भीड़ स्टेडियम के बाहर जमा हो गई। प्रशासन ने पार्थिव शरीर के दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए थे।
भीड़ बढ़ने के कारण स्टेडियम परिसर के भीतर एक वैकल्पिक स्थान भी तैयार रखा गया था। फैंस ने हाथों में गायक के कटआउट्स और तस्वीरें थाम रखी थीं। सुबह होते-होते माहौल और भावुक हो गया, जब विभिन्न जिलों से लोग लगातार श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
शवयात्रा में उमड़ी भीड़ और परिवार का निर्णय
सुबह करीब सात बजे हवाई अड्डे पर ताबूत पहुंचा, जिसके बाद स्टेडियम तक के मार्ग पर हजारों लोग उमड़ पड़े। इस वजह से शवयात्रा की गति धीमी हो गई और शहर की सड़कों पर जनसैलाब दिखाई दिया। प्रशासन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे।
मंत्री रनोज पेगू ने स्पष्ट किया कि परिवार द्वारा निर्णय लेने के बाद ही अंतिम संस्कार स्थल की घोषणा की जाएगी। चर्चा यह भी है कि जोरहाट(Jorhat) को विकल्प के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन गुवाहाटी या उसके आसपास स्थान चुनने की संभावना अधिक है। इसका कारण यह है कि गायक के 80 वर्षीय पिता लंबी यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं।
जुबिन गर्ग के स्मारक को लेकर सरकार की क्या योजना है?
सरकार चाहती है कि जिस स्थान पर उनका अंतिम संस्कार होगा, वहीं स्मारक भी बनाया जाए। इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश चल रही है ताकि फैंस लंबे समय तक उन्हें याद कर सकें।
जोरहाट की बजाय गुवाहाटी क्यों माना जा रहा है उपयुक्त?
परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, गुवाहाटी या उसके उपनगर को बेहतर विकल्प माना जा रहा है। इसका प्रमुख कारण गायक के वृद्ध पिता की स्थिति है, जो जोरहाट तक 300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा नहीं कर पाएंगे।
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