9 सितंबर 2025 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की। इस बार रणभूमि में हैं NDA के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया (INDIA) गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी। सवाल सबके मन में यही है – क्या इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार NDA के सामने टिक पाएगा? आइए, इस मुकाबले का जायजा लेते हैं।
पहले जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में:
- सी.पी. राधाकृष्णन: तमिलनाडु के दिग्गज BJP नेता, वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल। कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद, BJP तमिलनाडु के पूर्व अध्यक्ष, और RSS के करीबी। NDA ने उन्हें दक्षिण भारत में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए चुना है।
- बी. सुदर्शन रेड्डी: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जिन्हें इंडिया गठबंधन ने संविधान और सामाजिक न्याय का प्रतीक बनाकर उतारा है। उनकी गैर-राजनीतिक और निष्पक्ष छवि विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में 783 सांसद (लोकसभा: 543, राज्यसभा: 240) वोट डालते हैं। बहुमत के लिए चाहिए 392 वोट। देखते हैं दोनों गठबंधनों का दमखम:
- लोकसभा:
- NDA: 293 सांसद (BJP: 240, TDP: 16, JD(U): 12, शिवसेना: 7, अन्य)।
- इंडिया गठबंधन: 234 सांसद (कांग्रेस: 99, सपा: 37, TMC: 29, DMK: 22, अन्य)।
- गैर-गठबंधन: 16 सांसद (निर्दलीय और छोटे दल)।
- राज्यसभा:
- NDA: करीब 130 सांसद।
- इंडिया गठबंधन: लगभग 105 सांसद।
- गैर-गठबंधन: 5-10 सांसद (BJD, BRS, नामांकित)।
कुल वोट:
- NDA: 423-430 वोट, जिसमें YSR कांग्रेस (11 सांसद) का समर्थन शामिल है।
- इंडिया गठबंधन: 330-340 वोट।
आंकड़े बताते हैं कि NDA का पलड़ा भारी है। लेकिन क्या इंडिया गठबंधन कोई बाजी पलट सकता है? आइए, दोनों की रणनीति देखें:
- इंडिया गठबंधन की ताकत:
- रेड्डी की संवैधानिक छवि गैर-गठबंधन दलों जैसे BJD (9 सांसद) और BRS (7 सांसद) को लुभा सकती है।
- 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने BJP को 303 से 240 सीटों पर रोका, जिससे उनका हौसला बुलंद है।
- क्रॉस-वोटिंग की उम्मीद, खासकर NDA के सहयोगियों जैसे JD(U) या TDP से, जो कभी-कभी BJP से अलग रुख लेते हैं।
- चुनौती: गैर-गठबंधन दलों का समर्थन जुटाना आसान नहीं, क्योंकि BJD और BRS अक्सर NDA के साथ दिखते हैं।
- NDA की रणनीति:
- YSR कांग्रेस का समर्थन NDA के लिए मास्टरस्ट्रोक।
- राधाकृष्णन का चयन तमिलनाडु में 2026 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है। उनके ओबीसी गौंडर समुदाय से होने का फायदा भी BJP को मिल सकता है।
- PM मोदी और JP नड्डा ने सर्वसम्मति की अपील की, लेकिन विपक्ष ने मुकाबला ठान लिया।
- चुनौती: JD(U) जैसे सहयोगियों की अप्रत्याशित चाल, हालांकि अभी तक वे NDA के साथ मजबूती से खड़े हैं।
तो, क्या है इस रण का नतीजा?
- NDA का दबदबा: 423-430 वोटों के साथ राधाकृष्णन की जीत लगभग पक्की दिखती है। YSR कांग्रेस का समर्थन और गठबंधन की एकजुटता उनकी राह आसान करती है।
- इंडिया गठबंधन की उम्मीद: रेड्डी को जीत के लिए 50-60 अतिरिक्त वोट चाहिए। यह तभी संभव है, अगर वे BJD, BRS जैसे दलों को मनाएं और NDA में सेंधमारी करें।
- वैचारिक जंग: इंडिया गठबंधन इसे संविधान बनाम RSS की लड़ाई बता रहा है, जो कुछ सांसदों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन संख्याबल इसे मुश्किल बनाता है।
NDA की जीत की संभावना ज्यादा है, लेकिन अगर इंडिया गठबंधन क्रॉस-वोटिंग और गैर-गठबंधन दलों को अपने पाले में लाने में कामयाब रहा, तो यह मुकाबला कांटे का हो सकता है। आप क्या सोचते हैं? क्या बी. सुदर्शन रेड्डी NDA को टक्कर दे पाएंगे, या सी.पी. राधाकृष्णन की राह आसान रहेगी?
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