भारत के प्रबंधन शिक्षा संस्थानों ने एक बार फिर दुनिया भर में अपनी मौजूद दर्ज कराई है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव एमबीए रैंकिंग 2025 में आईआईएम बैंगलोर ने टॉप-50 में जगह बनाई है। हालांकि, इस बार उसकी रैंकिंग 41 से गिरकर 50वें स्थान पर पहुंच गई है।
भारत के सात बिजनेस स्कूल्स को वैश्विक मान्यता
इस साल QS की लिस्ट में इंडिया के सात बिजनेस स्कूल्स को जगह मिली है। यह दर्शाता है कि इंडिया की मैनेजमेंट एजुकेशन अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो चुकी है। इनमें से छह संस्थानों ने टॉप-200 में अपनी जगह बनाई है।
आईआईएम बैंगलोर का प्रदर्शन करियर आउटकम में शानदार
हालांकि रैंकिंग में गिरावट आई है, लेकिन आईआईएम बैंगलोर ने करियर आउटकम के मसला में दुनिया के टॉप-25 बिजनेस स्कूल्स में जगह बरकरार रखी है। यह इस संस्थान की मजबूत इंडस्ट्री कनेक्ट और लीडरशिप डेवलपमेंट पर केंद्रित पाठ्यक्रम की कामयाबी को दर्शाता है।

अन्य भारतीय संस्थानों की रैंकिंग स्थिति
- आईआईएम कोझीकोड: अब 161 से 170 रैंक रेंज में पहुंचा, जो एक सकारात्मक परिवर्तन है।
- आईएसबी हैदराबाद और मोहाली: रैंकिंग 101 से 110 गिरकर 111से 120 थक पहुंची।
- आईआईएम इंदौर और आईएमआई गाजियाबाद: दोनों 181 से 190 रैंक रेंज में भागीदार हुए।
- वॉक्सेन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद और गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने पहली बार सूची में जगह बनाई है।
कुछ संस्थानों की रैंकिंग गिरी, दो नए नाम जुड़े
चार प्रमुख संस्थानों की रैंकिंग में हल्की गिरावट देखने को मिली, जबकि एक संस्थान की रैंक सुधरी है और दो नए संस्थानों ने क्यूएस लिस्ट में पहली बार प्रवेश किया है। यह ट्रेंड दिखाता है कि भारतीय बिजनेस स्कूल लगातार अपने कोर्स और फैकल्टी गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं।
क्यूएस चेयरमैन का बयान – इंडिया और चीन बराबरी पर
क्यूएस के चेयरमैन नुन्निजयो क्वाक्वेरेली ने कहा कि अब इंडिया और चीन के बिजनेस स्कूलों की वैश्विक उपस्थिति लगभग समान हो गई है। यह इंडिया की बढ़ती वैश्विक हिस्सेदारी और शैक्षिक क्षमता का प्रमाण है।