दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना में गुर्जर रेजिमेंट गठित करने की मांग वाली जनहित याचिका को विभाजनकारी बताते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि ऐसा कौन सा कानून है जो उन्हें इस तरह की रेजिमेंट बनाने का अधिकार देता है। अदालत ने यह भी पूछा कि संविधान या किसी अन्य अधिनियम के तहत किसी विशेष समुदाय के लोगों की रेजिमेंट रखने का अधिकार कहां है।
नई दिल्ली। भारतीय सेना में एक गुर्जर रेजिमेंट गठित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरी तरह से विभाजनकारी बताते हुए खारिज कर दिया।
अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि ऐसा कौन सा कानून है जो आपको इस तरह की रेजिमेंट रखने का अधिकार देता है? अदालत ने पूछा कि ऐसा अधिकार कहां है? पीठ ने यह भी पूछा कि संविधान या किसी अन्य अधिनियम या प्रथागत कानून का कौन सा प्रविधान किसी विशेष समुदाय के लोगों की रेजिमेंट रखने का अधिकार देता है।
जुर्माना लगाने की अदालत की चेतावनी पर याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।