Eye Health: आंखें हमारे शरीर की सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण इंद्रियों में से एक हैं। इनकी सहायता से हम दुनिया को देख पाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आंखों की कार्यक्षमता भी घटती जाती है। आंखों की सुरक्षा और वक्त पर छानबीन बेहद आवश्यक है, ताकि जीवन भर स्पष्ट दृष्टि बनी रहे।
उम्र के साथ आंखों में होने वाले बदलाव
इस उम्र में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) सबसे आम समस्या है। इसकी मुख्य वजह है स्मार्टफोन, लैपटॉप और टीवी का अत्यधिक प्रयोग। यह समस्या युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। आंखों का सूखना और बार-बार पलकें झपकना कम हो जाना भी आम लक्षण हैं।

30 के दशक में: संवेदनशील दृष्टि में बदलाव
30 की उम्र के बाद आंखों की संरचनाओं में बदलाव आने लगते हैं। कम रोशनी में पढ़ने में परेशानी होती है, अक्षर धुंधले दिखने लगते हैं और किताब को दूर रखकर पढ़ना सहज लगता है। यह धीरे-धीरे होने वाला परिवर्तन है, जिस पर अगर ध्यान न दिया जाए तो गंभीर समस्या बन सकता है।
40 के बाद: प्रेस्बायोपिया की शुरुआत
Eye Health: 40 की उम्र के बाद आयु संबंधी दूर दृष्टि दोष (Presbyopia) आम हो जाता है। निकट की वस्तुएं धुंधली लगती हैं और पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत महसूस होती है। यह उम्रजनित सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन सही देखभाल से इसे देरी से आने दिया जा सकता है।
आंखों की देखभाल के घरेलू और आसान उपाय
नियमित जांच और स्क्रीन ब्रेक जरूरी
- साल में कम से कम एक बार नेत्र तफ़्तीश करवाएं।
- अगर स्क्रीन टाइम ज्यादा है, तो 20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट में 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें।
- स्क्रीन पर काम करते वक्त उचित रोशनी रखें।

पोषण और आंखों की सेहत
- विटामिन A, C, E और ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के लिए बेहद आवश्यक हैं।
- आहार में गाजर, पालक, चुकंदर और मछली को भागीदार करें।
- आंखों की नमी बनाए रखने के लिए कृत्रिम आंसू (Artificial Tears) का उपयोग करें।
धूप से बचाव और आराम
- तेज धूप में बाहर जाते समय UV प्रोटेक्शन वाले चश्मे पहनें।
- पढ़ते समय हर 30 मिनट बाद 1-2 मिनट का ब्रेक लें।
- एसी वाले वातावरण में आई ड्रॉप्स का उपयोग करें।
बच्चों की आंखों की सुरक्षा कैसे करें?
- बच्चों को नियमित रूप से बाहर खेलने भेजें।
- पढ़ाई के लिए पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए।
- स्क्रीन टाइम सीमित करें और बाहरी गतिविधियों को बढ़ावा दें।