बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून, 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ ने देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 11 लोगों की मौत और 33 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। BJP ने इसे “आपराधिक लापरवाही” और “राज्य प्रायोजित हत्या” करार देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार और गृह मंत्री जी. परमेश्वर के इस्तीफे की मांग की है।
विजय परेड का निर्णय जल्दबाजी में लिया गया फैसला
BJP कर्नाटक अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना तैयारी के जल्दबाजी में विजय परेड आयोजित की, जिसके लिए कोई सुरक्षा योजना नहीं थी। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इसे “असंवेदनशील” करार देते हुए न्यायिक जांच की मांग की। BJP सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि भीड़ के उन्माद को जानते हुए भी सरकार ने “खुला निमंत्रण” दिया। पार्टी ने सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस को घेरा, इसे “प्रचार की भूख” का नतीजा बताया।
मृतकों पर राजनीती कर रही भाजपा
उधर, कांग्रेस ने इन आरोपों को “मृतकों पर राजनीति” करार दिया। डी. के. शिवकुमार ने कहा कि 5,000 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन 1.5-3 लाख की भीड़ बेकाबू हो गई। सिद्धारमैया ने मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया, जो 15 दिनों में रिपोर्ट देगी। उन्होंने कुंभ मेले की भगदड़ से तुलना की, जिसे BJP ने “असंवेदनशील” बताया।
इस त्रासदी ने भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख और RCB ने 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। यह घटना कर्नाटक में BJP-कांग्रेस के बीच तीखी राजनीतिक जंग का कारण बन गई है।