Water Crisis पाकिस्तान बोला- भारत से चाहते हैं बातचीत जल संकट ने बदले पाकिस्तान के सुर
Water Crisis के कारण पाकिस्तान इस समय गहरी परेशानी में है। पानी की कमी ने खेती, उद्योग और आम जीवन को प्रभावित किया है। यही वजह है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में भारत के साथ व्यापक बातचीत की इच्छा जाहिर की है।
पाकिस्तान, जो पिछले कई वर्षों से भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध रखता है, अब Water Crisis के कारण नरम पड़ता दिख रहा है। उनकी इस बातचीत की पेशकश में पानी से जुड़ी समस्याओं के समाधान की उम्मीद झलकती है।

Water Crisis और भारत से बातचीत की जरूरत
पाकिस्तान की जल संकट की गंभीरता को देखते हुए वह भारत से बेहतर संबंध चाहता है।
सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) और जल संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग पर चर्चा की संभावना भी बनी है।
- Water Crisis ने पाकिस्तान के जल स्रोतों को प्रभावित किया है।
- कृषि और जल आपूर्ति पर इसका गहरा असर है।
- भारत के साथ व्यापक बातचीत से समाधान की आशा है।
इशाक डार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान “तैयार है, पर हताश नहीं” और भारत से बातचीत के लिए सकारात्मक संकेत भेजा।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने स्पष्ट किया है कि Water Crisis के मुद्दे पर चर्चा तभी होगी जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करेगा।
India की नीति में ये शामिल हैं:
- आतंकवाद पर नियंत्रण आवश्यक
- POK और जल विवाद पर स्पष्ट रुख
- भरोसेमंद माहौल बने तभी बातचीत संभव

Water Crisis का भविष्य और संभावनाएं
- पाकिस्तान की जल समस्या गंभीर बनी रहेगी।
- भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए जरूरी शर्तें पूरी होंगी।
- आर्थिक व जल संकट पाकिस्तान को नरम कर सकता है।
Water Crisis की वजह से पाकिस्तान को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ रहा है और भारत से संवाद के लिए पहल करनी पड़ रही है।
लेकिन भारत की शर्तें स्पष्ट हैं कि बिना आतंकवाद रोधी कदम के कोई भी बातचीत सफल नहीं होगी।