दक्षिण अफ्रीका की इस टीम में अनुभव और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है और टीम तटस्थ स्थल पर खेले जाने वाले इस मैच के जरिये पिछली विफलताओं को भुलाना चाहेगी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया टीम के पास भारत के खिलाफ पिछले डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने वाले प्लेइंग-11 से डेविड वॉर्नर को छोड़कर बाकी के 10 खिलाड़ी मौजूद है। पिछले दो साल में बेहतरीन प्रदर्शन करके विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल तक पहुंची दक्षिण अफ्रीका के सामने चोकर्स (दबाव में घुटने टेकने वाली टीम) का ठप्पा हटाने का सुनहरा मौका होगा, लेकिन इसके लिए उसे आईसीसी टूर्नामेंटों की दिग्गज ऑस्ट्रेलिया के किले में सेंध लगानी होगी। दक्षिण अफ्रीका ने 1998 में पिछला आईसीसी टूर्नामेंट जीता था। तब टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। अब उसे 27 साल बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए नॉकआउट मैचों की दिग्गज माने जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का तिलिस्म तोड़ना होगा।
आईसीसी की चारों ट्रॉफी जीतने वाली एकलौती टीम है ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया इकलौती टीम है जिसने आईसीसी की चारों ट्रॉफी (वनडे विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 विश्व कप और डब्ल्यूटीसी) जीती है। वैश्विक टूर्नामेंटों के फाइनल में उसे हराना और मुश्किल होता है। टीम आईसीसी टूर्नामेंटों में 13 बार फाइनल में पहुंची है और इसमें से 10 बार खिताब जीतने में सफल रही है। दक्षिण अफ्रीका की टीम अहम मैचों में जीत के करीब पहुंच कर फिसलने के लिए जानी जाती है।
हेजलवुड ने आईपीएल में 12 मैचों में 22 विकेट लेकर किया दमदार प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने डब्ल्यूटीसी के 2023-25 चक्र में सबसे ज्यादा 30 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया। इसमें से ज्यादातर खिलाड़ी सही समय पर रन बनाने वाले या विकेट लेने वाले निकले। टीम लगातार सात टेस्ट में जीत के साथ डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने के लिए तैयार है। उसने पिछले साल दिसंबर में ही इसका टिकट पक्का कर लिया था। वहीं, ऑस्ट्रेलिया टीम के पास भारत के खिलाफ पिछले डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने वाले प्लेइंग-11 से डेविड वॉर्नर को छोड़कर बाकी के 10 खिलाड़ी मौजूद है। मध्यम गति के गेंदबाज जोश हेजलवुड उस मैच को चोट के कारण नहीं खेल पाए थे। वह हालांकि उस टीम में शामिल रहे स्कॉट बोलैंड की जगह लेने के लिए तैयार हैं। हेजलवुड ने कंधे की चोट से उबरते हुए पिछले सप्ताह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आईपीएल चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभई। उन्होंने आईपीएल में 12 मैचों में 22 विकेट लेकर दमदार प्रदर्शन किया।
ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में अनुभव की कोई कमी नहीं
उस्मान ख्वाजा के साथ मार्नस लाबुशेन ओपनिंग करते दिखेंगे। टीम के लिए लाबुशेन की फॉर्म चिंता की विषय है, लेकिन हरफनमौला कैमरून ग्रीन ने सर्जरी से वापसी करते हुए काउंटी क्रिकेट में ग्लूस्टरशर का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन शतक जड़ कर शानदार वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में अनुभव की कोई कमी नहीं है। टीम में ऑस्ट्रेलिया के सर्वकालिक शीर्ष 10 विकेट लेने वालों में से चार गेंदबाज शामिल है। इसमें नाथन लियोन (553, तीसरे), मिचेल स्टार्क (382, चौथे), कप्तान पैट कमिंस (294, आठवें) और हेजलवुड (279, 10वें) का नाम हैं।

ऑस्ट्रेलिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती
स्मिथ 36 साल के हो गए हैं और उन्होंने मार्च के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। यही हाल ख्वाजा, लियोन और विकेटकीपर एलेक्स कैरी का भी है। स्मिथ ने हालांकि पिछले पांच टेस्ट मैचों में चार शतक जड़े है और उन्होंने 10,000 रनों का आंकड़ा भी पार कर लिया है। यह आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम के रनों के लगभग बराबर है। लॉर्ड्स उनका औसत 58 के आसपास का है। ऑस्ट्रेलिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती कगिसो रबाडा से निपटने की होगी। ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों के लिए भी रबाडा मुश्किलें खड़ा करेंगे। उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में ख्वाजा को पांच बार चलता किया है। रबाडा के नाम 327 टेस्ट विकेट है। उन्हें मार्को यानसेन से बेहतर मदद की उम्मीद होगी।
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