बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद मनीष कश्यप ने अब नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने का फैसला लिया है. 23 जून को वे जन सुराज में शामिल होंगे और चनपटिया सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. जनहित को प्राथमिकता बताते हुए मनीष ने कहा कि अब वे बिना किसी दबाव के जनता की आवाज बनेंगे.
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. जन आवाज के दम पर चर्चा में आए यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप अब जनसुराज पार्टी से राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाने जा रहे हैं. 23 जून को वे आधिकारिक रूप से प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले इस अभियान में शामिल होंगे और 2025 विधानसभा चुनाव में चनपटिया सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
इससे पहले मनीष ने 7 जून को सोशल मीडिया लाइव में बीजेपी से इस्तीफे का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि, “मैं पार्टी में रहकर वो बात नहीं कह पा रहा था जो लोगों की ज़रूरत थी. जब मैंने अपने गांव चनपटिया जाकर लोगों से बात की, तभी यह निर्णय लिया कि अब बिना किसी राजनीतिक दबाव के जनहित की लड़ाई लड़नी होगी.”
बीजेपी से मोहभंग का कारण
मनीष ने पीएमसीएच पिटाई कांड का जिक्र करते हुए कहा कि जब उनके साथ बदसलूकी हुई, तब बीजेपी के किसी भी बड़े नेता ने हाल-चाल तक नहीं पूछा. “मैं सड़क पर पीटा गया और पार्टी चुप रही. ऐसे में वहां रहना मतलब आंखों के सामने हो रहे अन्याय पर चुप रहना.”
‘परिवार के कहने पर बीजेपी जॉइन किया था’
मनीष कश्यप ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी जॉइन किया था और कहा था कि उन्होंने यह कदम अपनी मां की इच्छा के अनुसार उठाया. लेकिन अब वे मानते हैं कि बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी में रहकर जनता की समस्याओं को सही से उठाना संभव नहीं है.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सीधा हमला
मनीष ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था से है. “मैं उस कुर्सी से लड़ रहा हूं, जिस पर बैठकर आम आदमी को लूटा जा रहा है.”अब मनीष कश्यप जन सुराज के टिकट पर चनपटिया से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उनका दावा है कि वे किसी भी पार्टी की कठपुतली नहीं बनेंगे. “अब मैं खुलकर जनता के मुद्दे उठाऊंगा और राजनीति को सेवा का माध्यम बनाऊंगा.”
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